
लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चल रही है. बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 33 सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. ताजा रुझानों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के उम्मीदवार सबसे ज्यादा 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. 12 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.
चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 5 सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (लोकतांत्रिक) के जीतनराम मांझी भी गया सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं. विपक्षी महागठबंधन की बात करें तो नौ सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. लालू यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार पांच,सीपीआईएमएल के उम्मीदवार दो और कांग्रेस के उम्मीदवार एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं.
ये नतीजे नीतीश की क्रेडिबिलिटी को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब की तरह भी देखे जा रहे हैं. बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में ऐसा पहली बार हुआ जब कमल निशान वाली पार्टी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. बीजेपी ने 40 में से 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जबकि जेडीयू के हिस्से में 16 सीटें आई थीं. छह सीटों पर चिराग पासवान और एक सीट से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने उम्मीदवार उतारे थे.
बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव लड़कर भी जेडीयू गठबंधन में सबसे अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो यह नीतीश कुमार के लिए संजीवनी की तरह होगा. गौरतलब है कि एग्जिट पोल अनुमानों में नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान के अनुमान जताए गए थे. एग्जिट पोल के अनुमानों में जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के बाद तीसरे नंबर की पार्टी बनती नजर आ रही थी.
2019 में कैसे रहे थे नतीजे
2019 के चुनाव नतीजों की बात करें तो बीजेपी और जेडीयू, दोनों ही पार्टियों ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने अपने कोटे की सभी 17 सीटें जीती थीं और जेडीयू ने 16. चिराग पासवान की पार्टी ने अपने कोटे की सभी छह सीटें जीती थीं. एनडीए ने 40 में से 39 सीटें जीती थीं और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. कांग्रेस ने किशनगंज सीट से चुनाव जीता था.