
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को 57 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी लिस्ट जारी की. इसमें बंगाल की सीटों के लिए भी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है. लिस्ट के मुताबिक पार्टी के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी एक बार फिर अपनी बहरामपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा रायगंज से अली इमरान रम्ज (विक्टर), मालदा उत्तर से मुस्ताक आलम और जंगीपुर से मोहम्मद मुर्तोजा हुसैन को टिकट दिया गया है.
दरअसल, कांग्रेस की तीसरी लिस्ट में पार्टी ने सात राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश की सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है. इसमें अरुणाचल प्रदेश की 2, गुजरात की 11, कर्नाटक की 17, महाराष्ट्र की 7, राजस्थान की 6, तेलंगाना की 5, बंगाल की 8 और पुडुचेरी की 1 सीट शामिल है. इसके साथ ही पार्टी अब तक कुल 138 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. बंगाल में सात चरणों में चुनावों के लिए मतदान होगा.
जानें बंगाल में कांग्रेस ने किसे किस सीट से दिया टिकट-
बहरामपुर- अधीर रंजन चौधरी
बंगाल में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा इस समय अधीर रंजन चौधरी ही हैं. वह 1999 से बहरामपुर से लगातार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं. यानी पांच बार लगातार सांसद रह चुके हैं. वह बंगाल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भी हैं और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता भी हैं. उन्हें मुर्शिदाबाद में एक शक्तिशाली नेता माना जाता है. 2019 में, अधीर को बहरामपुर में 45.47 प्रतिशत वोट मिले थे. 2024 में हाई प्रोफाइल सीट मानी जाने वाली इस सीट पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान को टीएमसी ने अधीर रंजन चौधरी के सामने मैदान में उतारा है.
रायगंज- अली इमरान रम्ज (विक्टर)
अली इमरान रम्ज, जिन्हें विक्टर के नाम से भी जाना जाता है, 2009 के उपचुनाव और फिर 2011 के चुनाव में चुने गए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य हैं. विक्टर पहली बार 2009 में गोलपोखर से उपचुनाव जीते थे. इसके बाद 2011 में चाकुलिया से फिर से चुने गए. 2022 में, वह पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए. इस बार कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा में रायगंज से टिकट दिया है.
विक्टर स्वर्गीय मोहम्मद रमजान अली के बेटे हैं, जो फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता और गोलपोखर से पश्चिम बंगाल विधानसभा के चार बार सदस्य थे. रम्ज के चाचा, हाफिज आलम सैरानी तीन बार विधायक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री हैं. रायगंज सीट पर विक्टर का टीएमसी की कृष्णा कल्याणी से मुकाबला है.
मालदा उत्तर- मुस्ताक आलम
मुस्ताक फिरोज अहमद कांग्रेस विधायक थे, जिन्होंने 2016 में मालदा के हरिश्चंद्रपुर से चुनाव लड़ा था, हालांकि 2021 में वह चुनाव हार गए. मालदा उत्तर सीट 2009 में बनाई गई थी. विभाजन से पहले इसे मालदा कहा जाता था. आलम कांग्रेस के एक स्थानीय कद्दावर नेता हैं, जो पहले भी चुनावों में अपना लोहा मनवा चुके हैं, हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में वह जीत नहीं सके.
मालदा को परंपरागत रूप से कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाना जाता था, जहां खान चौधरी परिवार का प्रभुत्व था. हालांकि, 2019 में बीजेपी ने इसमें सेंध लगाई और खगेन मुर्मू ने यहां से चुनाव जीट लिया. बीजेपी ने फिर से मुर्मू को मैदान में उतारा है. 2019 तक, यह सीट खान चौधरी परिवार का एक किला होती थी. हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस सांसद मौसम नूर टीएमसी में शामिल हो गईं और अपने भाई ईसा खान चौधरी से मुकाबला किया, जो 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे. मुस्ताक आलम का मुकाबला अब टीएमसी उम्मीदवार पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रसून बनर्जी और मौजूदा बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू से है.
मालदा दक्षिण- ईसा खान चौधरी
ईसा खान चौधरी गनी खान चौधरी परिवार का हिस्सा हैं. मालदा को पारंपरिक गनी खान का गढ़ माना जाता है. ईसा खान अबू हासेम खान चौधरी के बेटे हैं, जो मालदा दक्षिण के मौजूदा सांसद हैं. वह कांग्रेस के टिकट पर सुजापुर से विधायक रहे हैं. ईसा एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और उनके पिता और चाचा गनी खान चौधरी केंद्र सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं. उन्होंने 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सुजापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने ही चाचा अबू नसर के खिलाफ चुनाव लड़ा, जो तृणमूल कांग्रेस पार्टी में चले गए.
टीएमसी ने शाहनवाज अली रेहान को मैदान में उतारा है, जो दिल्ली में एक छात्र कार्यकर्ता थे और बाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए चले गए. बीजेपी ने श्रीरूपा मित्रा को मैदान में उतारा है, जो मालदा के इंग्लिशबाजार से मौजूदा विधायक हैं.
कोलकाता उत्तर- प्रदीप भट्टाचार्य
कांग्रेस ने प्रदीप भट्टाचार्य को उत्तरी कोलकाता से मैदान में उतारा है. 80 साल के प्रदीप भट्टाचार्य पहले राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. वह पहले भी कांग्रेस के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. 2024 में, सबसे पुरानी पार्टी ने उन्हें उनकी वफादारी और चेहरे के लिए उत्तरी कोलकाता के लिए चुना है. प्रदीप भट्टाचार्य बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष भी थे. प्रदीप भट्टाचार्य अपने पूर्व कांग्रेस सहयोगी सुदीप बनर्जी से मुकाबला करेंगे, जो उत्तरी कोलकाता सीट से मौजूदा टीएमसी सांसद हैं.
पुरुलिया- नेपाल महतो
नेपाल महतो कांग्रेस से विधायक भी रह चुके हैं. वह बाघमुंडी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे हैं, जो 2001 से पहले झालदा निर्वाचन क्षेत्र कहलाता था. हालांकि 2021 में वह चुनाव हार गए. वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल राज्य कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं. पेशे से वह एक शिक्षक हैं और वर्तमान में इचाग हाई स्कूल में सचिव के रूप में कार्यरत हैं. 2024 में महतो का मुकाबला मौजूदा बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो और टीएमसी उम्मीदवार शांतिराम महतो से होगा.