Advertisement

जम्मू-कश्मीर में जल्द ही सकते हैं विधानसभा चुनाव, लोकसभा में रिकॉर्ड मतदान के बाद एक्शन मोड में EC

जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म किए जाने के बाद लोकसभा चुनाव में जबरदस्त मतदान दर्ज किया गया. इसकी पूरे देश में चर्चा है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि लोकसभा चुनाव से शुरू हुई प्रक्रिया अब विधानसभा चुनाव की दिशा में बढ़ती रहेगी.

J-K में जल्द हो सकते हैं विधानसभा चुनाव (Photo: India Today) J-K में जल्द हो सकते हैं विधानसभा चुनाव (Photo: India Today)
संजय शर्मा
  • श्रीनगर,
  • 27 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

जम्मू-कश्मीर में लगभग तीन दशकों बाद मतदाताओं को बेहतरीन हिस्सेदारी और उत्साह से चुनाव आयोग भी उत्साहित है. जम्मू कश्मीर में 58.46 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वहीं लद्दाख में 71.82 फीसदी वोट पड़े. इसके बाद माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अपने सहयोगी आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को जनता का आभार जताया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: LoC के नजदीक राजौरी में हो रहा शांतिपूर्ण मतदान, लोग बोले- अब पाकिस्तान से गोलीबारी का डर नहीं

जम्मू कश्मीर में होंगे विधानसभा चुनाव

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने 25 मई को अपना मतदान करने के बाद ही कश्मीर में लोगों के उत्साह और शांतिपूर्ण मतदान पर प्रतिक्रिया देते हुए अपना वादा दोहराया था कि बहुत जल्द कश्मीर में लोकतंत्र की ये उत्साहजनक प्रक्रिया विधानसभा चुनाव के रूप में आगे बढ़ती रहेगी.

उम्मीदवारों की संख्या भी 25 फीसदी बढ़ी

चुनाव आयोग के संयुक्त निदेशक अनुज चांडक के मुताबिक, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की तादाद भी पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 25 फीसद तक बढ़ गई. निर्वाचन आयोग के एप सी विजिल पर आम वोटर्स ने आचार संहिता का उल्लंघन या चुनावी मर्यादा का उल्लंघन किए जाने की शिकायतें भी बड़ी संख्या में दर्ज कराईं. ये आम जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भागीदारी बढ़ने का प्रमाण है.

Advertisement

जम्मू कश्मीर में कब कितनी वोटिंग?

पूरे प्रदेश में चुनावी रैलियों के लिए 2,455 आवेदन आयोग को मिले. चांडक के मुताबिक श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू लोकसभा हलकों में अप्रत्याशित मतदान हुआ. इन्हीं क्षेत्रों में 1996 में 48 फीसद, 1998 में 43.35, 1999 में 30.89, 2004 में 34.11 फीसदी वोट ही पड़े थे. इसके बाद 2009 से इनमें इजाफा होने लगा. 

यह भी पढ़ें: 'गोलियों की तड़तड़ाहट सुन बच्चों को बचाने भागी...', आंतकी हमले को याद कर फफक पड़ीं फरहा खान, कश्मीर से लाई गईं जयपुर

मसलन, 2009 में यहां 38.91 फीसद, 2014 में 49.21, 2019 में थोड़ा घटकर 45.37 फीसद हुआ लेकिन 2024 में सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए 58.46 फीसदी हो गया. कश्मीर घाटी में 1999 में 17.72 फीसद मतदान हुआ तो 2014 में 31.18 फीसद और 2019 में 19.16 फीसद मतदान हुआ.

कश्मीरी पंडितों के लिए बनाए गए विशेष मतदान केंद्र

आयोग ने 25 साल पहले आतंकवाद से पीड़ित होकर विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के घाटी की सीटों पर मतदान के लिए कई विशेष मतदान केंद्र भी बनाए, जहां कश्मीरी पंडित मतदाताओं ने श्रीनगर और अनंतनाग सीटों पर चुनाव लड़ रहे अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को वोट किया. ऐसे 25 विशेष बूथ में से जम्मू में 21, उधमपुर में एक और दिल्ली में चार थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement