
देश में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. 7 चरणों में आम चुनाव होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे. पहले चरण के लिए 19 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 7 मई, चौथे चरण के लिए 13 मई, पांचवें चरण के लिए 20 मई, छठा चरण के लिए 25 मई और सातवें चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे.
मध्य प्रदेश में 4 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे और तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल गुना सीट पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे. इस संसदीय क्षेत्र में नॉमिनेशन की तारीख 12 अप्रैल से शुरू होगी. नामांकन की आखिरी तारीख 19 अप्रैल होगी. नामांकन की स्क्रूटनी 20 अप्रैल और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 अप्रैल होगी. 7 मई को वोटिंग होगी और 4 जून को नतीजे आएंगे.
मध्यप्रदेश की इस बेहद हाईप्रोफाइल गुना लोकसभा सीट को सिंधिया राजपरिवार का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन 2014 का चुनाव 1 लाख 20 हजार 792 वोटों से जीतने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में BJP प्रत्याशी डॉ. केपी यादव ने 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से हरा दिया था. 14 बार लगातार अजेय रहने वाले सिंधिया राजपरिवार के किसी प्रत्याशी की गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में यह पहली हार थी. हैरानी की बात यह थी कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे और सिंधिया के खास लोगों में शुमार थे.
गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. गुना, बमोरी, शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर. आठों विधानसभाओं में 18 लाख से ज्यादा वोटर हैं. लोकसभा क्षेत्र का दायरा भी काफी बड़ा है. मतदाताओं तक पहुंचने के लिए किसी भी कैंडिडेट को पर्याप्त समय जरूरी है. 2019 के आम चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 4,88,500 यानी 41.89% वोट हासिल किये थे. हालांकि, उन्हें केपी यादव ने चुनाव हरा दिया था.
तीन जिलों शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के इस संसदीय क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार डॉ. केपी यादव को कुल 6 लाख 14 हजार 049 यानी 52.11% वोट मिले थे. जबकि उनके मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी सिंधिया को 4 लाख 88 हजार 500 यानी 41.45% मत हासिल हुए थे. संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों पर यादव वोटों की संख्या करीब 3.50 लाख से ज्यादा है. करीब 1.50 लाख यादव वोटर्स सिर्फ गुना जिले में ही हैं.
अब जब सिंधिया बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर गुना सीट से ताल ठोकने उतर चुके हैं तब दो हफ्ते बाद भी कांग्रेस अपना कैंडिडेट नहीं ढूंढ पाई है. बीजेपी ने 2 मार्च को जारी की गई पहली सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम घोषित कर दिया था. लेकिन दो हफ्ते गुजरने के बावजूद कांग्रेस खाली 'हाथ' है.
कांग्रेस के यह स्थिति उस वक्त है जब खुद राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर गुना संसदीय क्षेत्र से गुजर चुके हैं. राहुल गांधी ने गुना में रोड शो भी किया था. लेकिन इस दौरान उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर किसी प्रकार का जवाबी हमला नहीं किया था.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ केपी यादव की तर्ज पर योद्धा को चुनाव लड़ाने का बयान दिया था. जीतू पटवारी ने 4 मार्च को बयान देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ विशेष रणनीति बनाने की बात कही थी. लेकिन कांग्रेस ने अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने किसी को भी टिकट नहीं दिया है.
इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी से उम्मीदवार हैं. गुना लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार सक्रिय बने हुए हैं. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव कार्यालय भी खोल लिए हैं. बूथ स्तर तक बैठकों का दौर जारी है.
लेकिन कांग्रेस चुनाव से पहले ही हताश और बिखरी सी नजर आ रही है. कार्यालय तो दूर पार्टी अब तक दावेदार का नाम तय नहीं कर पाई है. हालांकि, गुना संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला, पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी, यादवेंद्र यादव का नाम प्रमुखता से सामने आया था. लेकिन किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. कांग्रेस द्वारा जारी की गई पहली लिस्ट में 10 नाम हैं. लेकिन गुना सीट से कोई भी नाम निकलकर सामने नहीं आ पाया है.
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने फिलहाल मैदान खाली है. सिंधिया भी चाहते हैं 2019 के चुनावी परिणामों के ऊपर 2024 में बड़े मार्जिन से चुनाव जीतकर मरहम लगाया जाए. सिंधिया 'महाराज' की छवि से बाहर निकलकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं. बुजुर्गों को गले लगाकर खुदको परिवार का मुखिया बता रहे हैं. दूसरी ओर. कांग्रेस जमीन से कोसों दूर है. ज्योतिरादित्य के सामने कांग्रेस को ढूंढे कैंडिडेट नहीं मिल पा रहा है.
विपक्षी प्रत्याशी को लेकर सिंधिया का बयान
गुना से अब तक कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नहीं होने पर बोले सिंधिया- यह उनकी नीति है. हर पार्टी की अपनी रणनीति तय होती है. लड़ाई में उतरने का सभी को हक है. गुना लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उतारने के सवाल पर सिंधिया का कहना था, मैं किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखता.
(इनपुट:- विकास दीक्षित)