
निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों देश में आने वाले आगामी लोकसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से नंदुरबार, कोल्हापुर, सोलापुर और पुणे समेत कई वीआईपी सीट पर सबकी नजर टिकी हुई है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति के समीकरण पूरी तरह से बदले हुए हैं. महाराष्ट्र में पांच चरणों में वोटिंग होगी.
नंदुरबार (एसटी)- गोवाल के पडवी
कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले नंदुरबार में अब बीजेपी के अपने पैर जमा चुकी है. बीजेपी की डॉ. हिना गावित यहां से दोबार से सांसद हैं. बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखा था. अपने इस गढ़ पर फिर से कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस इस आदिवासी इलाके से सात बार विधायक रहे केसी पाडवी के बेटे पर दांव लगाया है. वह एक युवा और शिक्षित चेहरा हैं. उनके पास अपने पिता की एक लंबी राजनीतिक विरासत भी है. जो मौजूदा भाजपा सांसद हिना गावित को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.
कोल्हापुर- शाहू शाहजी छत्रपति
कोल्हापुर में तीसरे चरण में वोटिंग होनी है. शाहू छत्रपति परिवार के वंशज हैं और संभाजी राजे छत्रपति के पिता हैं. जो भाजपा से राज्यसभा सदस्य भी थे. उनका इस सीट से नामांकन न केवल कोल्हापुर सीट के लिए बल्कि मराठा समुदाय के वर्चस्व वाली पश्चिमी महाराष्ट्र की आस-पास की सीटों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
ये शिवसेना की पारंपरिक सीट भी है और 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन में ये सीट शिवसेना के पास थी. आगामी आम चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के शाहू छत्रपति उम्मीदवार होंगे.
इस सीट से संजय मंडलिक सांसद हैं, जो अब महाराष्ट्र के सीएम शिंदे गुट वाली शिवसेना का हिस्सा हैं. हालांकि, भाजपा इस सीट से शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में कोल्हापुर के एक अन्य राजपरिवार के सदस्य समरजीत घाटगे को अपना उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है.
पुणे- रवींद्र हेमराज धांगेकर
महाराष्ट्र की इस सीट पर चौथे चरण में वोटिंग होनी है. बीजेपी ने इस सीट से पुणे के पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि कांग्रेस कसाबापेठ से विधायक रवींद्र हेमराज धांगेकर को अपना उम्मीदवार बनाया है जो बीजेपी प्रत्याशी के लिए चुनौती बन सकते हैं. इस सीट पर दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
बता दें कि साल 2022 में कसाबापेठ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक मुजता तिलक के निधन के बाद धांगेकर ने इस सीट पर उपचुनाव में निर्विरोध जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था. रवींद्र हेमराज के इलाके में मजबूत-जमीनी नेता के रूप में जाना जाता है जो हमेशा जनता के संपर्क में रहते हैं.
सोलापुर- (एससी) प्रणीति शिंदे
सोलापुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है. कांग्रेस ने इस से अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मामलों के मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बेटे प्रणीति शिंदे को चुनावी मैदान में उतारा है.
इस सीट से वर्तमान में भाजपा के डॉ. जयसिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 में कांग्रेस नेता को हराकर शानदार जीत दर्ज की थी.
वहीं, इस सीट पर वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश अंबेडकर भी कांग्रेस को चुनौती दे सकते हैं, क्योंकि उन्होंने पिछले आम चुनाव में 15 फीसदी वोट हासिल किया था. जिससे कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से भारी नुकसान हुआ था. कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे 1998, 1999 और 2009 में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
नांदेड़- वसंतराव बलवंतराव चव्हाण
पूर्व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के बीजेपी में शामिल होने के बाद से इस लोकसभा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. इस सीट से कांग्रेस वसंतराव चव्हाण को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
बता दें कि वसंतराव चव्हाण एक जमाने में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार के करीबी माने जाते थे, लेकिन साल 2009 में राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
अमरावती- (एससी) बलवंत बसवंत वानखेड़े
अमरावती लोकसभा सीट से वर्तमान में बीजेपी की तेज-तर्रार नेता नवनीत राणे सांसद हैं और कांग्रेस इस सीट पर अहंकार बनाम जमीनी नेता की लड़ाई की ओर मोड़ना चाहती है. कांग्रेस ने दरियापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए बलवंत वानखेड़े को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल बीजेपी नेता नवनीत राणे के खिलाफ है और शिंदे गुट के लिए इस सीट की मांग कर रहे हैं. हालांकि,टिकट नहीं मिलने पर वो बीजेपी सांसद के खिलाफ काम कर सकते हैं.