
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की 14वीं लिस्ट जारी की. इसमें लद्दाख की एकमात्र लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा की. पार्टी ने इस बार मौजूदा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काट दिया है. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के अध्यक्ष ताशी ग्यालसन को अपना उम्मीदवार बनाया है.
लद्दाख के मौजूदा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का बचाव करने के लिए लोकसभा में अपने वायरल भाषण से सुर्खियों में आए थे. नामग्याल को हटाने का बीजेपी का फैसला लेह में बौद्धों के एक वर्ग के बीच सत्तारूढ़ दल के प्रति नाराजगी के बीच आया है.
पीटीआई के मुताबिक स्थानीय सूत्रों का कहना है कि ताशी ग्यालसन, जो एक वकील भी हैं, इस सीट पर बीजेपी की पकड़ बनाए रखने के लिए बेहतर स्थिति में हैं, जिसमें मुस्लिम बहुल क्षेत्र कारगिल भी शामिल है. इस लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है.
बता दें कि लद्दाख लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. क्षेत्रफल के लिहाज से यह भारत का सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है. इसका क्षेत्रफल 1.74 लाख वर्ग किलोमीटर है. पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थित यह लोकसभा क्षेत्र कारगिल युद्ध के बाद राजनीतिक रूप से कमजोर और अस्थिर हो गया था. हिमालय की गोद में बसा यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण विश्व विख्यात है. यहां देश-दुनिया से पर्यटक घूमने आते हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन है.
सूबे के दो जिलों कारगिल और लेह में यह लोकसभा सीट फैली हुई है. यह दोनों जिले जम्मू-कश्मीर के सबसे कम आबादी वाले जिले हैं. इस संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत चार विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कारगिल, लेह, नोबरा और जानस्कार विधानसभाएं शामिल हैं. लद्दाख लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 1.66 लाख है. इनमें 86 हजार पुरुष और 80 हजार महिला वोटर हैं. पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां की अधिकांश आबादी आदिवासी और बौद्धिस्ट है. यही कारण है कि साल 2009 में इस सीट को अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित कर दिया गया था.