Advertisement

चुनाव में हुई थी हिंसा-गोलीबारी... अब मणिपुर के 11 बूथों पर फिर से होंगे मतदान, 22 अप्रैल की तारीख तय

भीड़ द्वारा हिंसा, दंगों और बर्बरता की कई रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद, मणिपुर इनर में 11 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग को रद्द कर दिया गया है. इनमें से दो मतदान केंद्र खुरई विधानसभा क्षेत्र में, चार क्षेत्रगाओ में और एक इम्फाल पूर्वी जिले के थोंगजू में और तीन उरीपोक में और एक इम्फाल पश्चिम जिले के कोंथौजम में हैं.

मणिपुर में हिंसा के कारण 11 मतदान केंद्रों पर फिर से होगी वोटिंग मणिपुर में हिंसा के कारण 11 मतदान केंद्रों पर फिर से होगी वोटिंग
बेबी शिरीन
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 6:54 AM IST

मणिपुर में इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर 22 अप्रैल को फिर से वोटिंग होगी. चुनाव आयोग ने शनिवार (20 अप्रैल) को इसे लेकर आदेश जारी किया. इन बूथों पर 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वोटिंग के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी. इसे लेकर चुनाव आयोग ने फिर से मतदान कराए जाने के आदेश दिए हैं.

Advertisement

बता दें कि ये आदेश, लोकसभा चुनाव के पहले चरण के समापन के एक दिन बाद है. मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने घोषणा की कि इनर मणिपुर लोकसभा सीट के 11 मतदान केंद्रों पर फिर से वोटिंग कराई जाए. 

22 अप्रैल को दोबारा होगी वोटिंग
सीईओ के आए आदेश और उनके ऐलान के मुताबिक, इन स्टेशनों पर 22 अप्रैल को दोबारा वोटिंग होगी. असल में भीड़ द्वारा हिंसा, दंगों और बर्बरता की कई रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद, इन 11 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग को रद्द कर दिया गया है. इनमें से दो मतदान केंद्र खुरई विधानसभा क्षेत्र में, चार क्षेत्रगाओ में और एक इम्फाल पूर्वी जिले के थोंगजू में और तीन उरीपोक में और एक इम्फाल पश्चिम जिले के कोंथौजम में हैं.

हिंसा और बर्बरता की शिकायतें मिलीं
इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा चुनाव अधिकारियों को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बताए गए कारणों से इन स्टेशनों पर मतदान के नतीजे सुनिश्चित नहीं किए जा सके. मणिपुर में संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी, रामानंद नोंगमीकापम ने कहा कि उनके ऑफिस को विभिन्न राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिलीं, जिनमें आंतरिक मणिपुर के लिए 36 और बाहरी मणिपुर के लिए 11 शिकायतें शामिल थीं, सभी में फिर से मतदान कराए जाने की मांग की गई थी. तीन उम्मीदवारों ने भी हिंसा, बर्बरता और कथित कदाचार का हवाला देते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि सीईओ का कार्यालय संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों की शिकायतों की जांच कर रहा है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई निर्धारित करने के लिए समीक्षा की जाएगी. 

कांग्रेस ने भी उठाई थी मांग
बता दें कि मणिपुर में चुनाव के दौरान गोलीबारी, कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम को नुकसान पहुंचाने और बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे थे. इसके बाद कांग्रेस की ओर दोबारा मतदान की मांग की गई थी. इन घटनाओं की वजह से राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने पहले ही छह पोलिंग स्टेशनों पर दोबारा मतदान के लिए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी और दोबारा मतदान की अपील की थी.

19 अप्रैल को 68 फीसदी से ज्यादा वोटिंग
मणिपुर में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ और इनर और आउटर मणिपुर में 68 फीसदी से ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मेघचंद्र ने कहा कि मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई गई है और इनर मणिपुर के 36 और आउटर मणिपुर के 11 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान की मांग की है.

मेघचंद्र थौबल जिले की वांगखेम विधानसभा सीट से मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं. उन्होंने आगे कहा, "एजेंट मतदान केंद्रों के अंदर नहीं बैठ सकते हैं और जो मतदाता कांग्रेस पार्टी के समर्थक हैं, वे अलग-अलग मतदान केंद्रों पर मतदान नहीं कर सकते हैं." मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के विधानसभा क्षेत्र हिंगांग में पड़ने वाले तीन मतदान केंद्रों पर भी दोबारा मतदान की मांग की गई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement