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वरुण गांधी को BJP ने नहीं दिया टिकट तो क्या कांग्रेस से लड़ेंगे चुनाव? मेनका ने दिया ये जवाब 

पीलीभीत से जब बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया तो अटकलें लगाई जाने लगीं कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. उसके बाद कांग्रेस से भी टिकट दिए जाने की संभावनाएं जताई जाने लगीं. अब इस पर उनकी मां मेनका गांधी ने स्पष्ट जवाब दिया है.

वरुण को लेकर मेनका गांधी ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो) वरुण को लेकर मेनका गांधी ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो)
नितिन कुमार श्रीवास्तव
  • सुल्तानपुर,
  • 02 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी की टिकट काट दिया है. उनकी जगह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा गया है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण गांधी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. अब इस पर उनकी मां मेनका गांधी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.  

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सुल्तानपुर से बीजेपी उम्मीदवार मेनका गांधी से पूछा गया कि क्या वरुण गांधी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं तो इस पर उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वो कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनसे जब पूछा गया कि केदारनाथ में राहुल और वरुण की मुलाकात हुई थी. खबरें आई थीं कि कांग्रेस वरुण को टिकट देकर चुनाव लड़ा सकती है. इस पर भी मेनका ने इशारों-इशारों में ना कह दिया.  

आजतक ने जब मेनका गांधी से पूछा कि आपने वरुण गांधी को लेकर जो कहा था उसका क्या मतलब है. इस पर उन्होंने अपनी पुरानी बात ही दोहराई. उन्होंने कहा, "आगे देखा जाएगा...अभी समय है." 

'चुनाव के बाद देखते हैं, अभी बहुत टाइम है', वरुण के टिकट कटने पर मेनका गांधी ने कही यह बात

मेनका गांधी ने क्या कहा था? 

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बता दें कि मेनका गांधी ने सोमवार को मीडिया से वरुण की टिकट कटने को लेकर कहा था कि आप ये उनसे पूछिए, इलेक्शन के बाद देखते हैं, अभी लंबा समय है. मेनका गांधी से पूछा गया कि क्या वरुण भी आने वाले थे? उन्होंने जवाब दिया, "वरुण और उनकी बहू दोनों को इस वक्त वायरल फीवर है और मेरी समधन को हार्ट अटैक हुआ है तो घर में इस वक्त बीमारी चल रही है." 

वरुण पर कुछ भी कहने से बच रहीं मेनका गांधी 

बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट तो काट दिया, लेकिन सुल्तानपुर से मेनका गांधी को फिर से टिकट दे दिया है. जिसकी वजह से वरुण गांधी भी खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं. फिलहाल मेनका गांधी भी वरुण को लेकर कुछ भी कहने से बच रही हैं, लेकिन उनके बयानों से अनुमान लगाया जा सकता है कि वरुण कुछ न कुछ जरूर करेंगे, जोकि चुनाव के बाद ही पता चलेगा. 

वरुण ने पीलीभीत की जनता को लिखी थी चिट्ठी

हालांकि टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता को भावनात्मक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीलीभीत की जनता के साथ मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक रहेगा. उन्होंने चिट्ठी में पहली बार पीलीभीत आने से लेकर सांसद बनने तक, इस क्षेत्र की जनता से जुड़ाव का जिक्र किया. इसके साथ ही भविष्य को लेकर संदेश भी दिया था.  

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उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि यह कार्य हमेशा करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े. वरुण गांधी ने चिट्ठी की शुरुआत में ही लिखा कि जब यह पत्र लिख रहा हूं तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है. 

35 साल में पहली बार ... पीलीभीत से ना मेनका चुनाव लड़ेंगी और ना वरुण गांधी

उन्होंने लिखा कि मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था. उसे (तीन साल के बच्चे को) कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे. खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला.

पीलीभीत से मेरा रिश्ता आखिरी सांस तक... 

वरुण ने लिखा कि सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता. सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर सही, आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं. वरुण ने पीलीभीत के लोगों के लिए हमेशा अपने दरवाजे पहले की ही तरह खुले रहने की बात कही और यह भी जोड़ा कि मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है जो किसी राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है.

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