
विपक्ष गठबंधन 'इंडिया' ब्लॉक को रविवार को बड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 'एकला चलो' का नारा देते हुए लोकसभा चुनाव के लिए अपनी बिसात बिछा दी है. टीएमसी ने प्रदेश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के इस ऐलान के साथ ही विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के भविष्य पर एक बार फिर से संकट के बादल गहरा रहे हैं, लेकिन एक वक्त था जब इंडिया ब्लॉक को जोड़ने के लिए ममता बनर्जी खुद विपक्षी दलों के नेताओं से आगे आकर साथ चलते की बातें कह रहीं थीं.
क्यों टूटा गठबंधन
पश्चिम बंगाल में इंडिया ब्लॉक टूटने के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं. जानकारों का मानना है कि टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन न हो पाने के पीछे मुख्य वजह कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की बयानबाजी है, क्योंकि अधीर रंजन पिछले साल 2023 से लगातार ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं. ऐसे में साफ हो गया है कि ममता अधीर के खिलाफ कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती. और इसलिए अधीर को हराने के लिए पार्टी के सबसे कद्दावर चेहरे को मैदान में उतारा है.
दरअसल, ममता बनर्जी का बंगाल में अकेले चलने का फैसला कांग्रेस के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि उन्होंने पहले कई बार मंच से कांग्रेस नेतृत्व पर उनके सुझाव और प्रस्ताव अस्वीकार करने का आरोप लगाए. और इसके बाद उन्होंने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का न्योता न मिलने से नाराज थी ममता!
जानकारों का यह भी कहना है कि राहुल गांधी जब अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ पश्चिम बंगाल पहुंचे थे तो उस वक्त ममता बनर्जी को यात्रा में शामिल होने के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी. उस वक्त ममता ने राहुल गांधी की नाम लिए बिना कहा कि वह पश्चिम बंगाल में यात्रा करने जा रहे हैं. शिष्टाचार के नाते भी उनको इसकी जानकारी नहीं दी गई. हालांकि कांग्रेस ने नेताओं ने ममता के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और बताया कि ममता बनर्जी सहित इंडिया ब्लॉक के सभी साथियों को यात्रा में शामिल होंगे.
सोनिया गांधी के नेतृत्व में नेता बनीं ममता: कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये महिला (ममता बनर्जी) राजीव गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में नेता बनीं. वह (ममता) महिला कितनी बेईमान है, कितनी अहंकारी हैं कि जिन लोगों ने उसे राजनीति में खड़ा किया, वे उन लोगों को अहंकार दिखाती हैं.
31 दिसंबर तय की थी सीट शेयरिंग के लिए समय सीमा
दिसंबर 2023 में हुई इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस को देशभर में करीब 300 ऐसी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उनका बीजेपी से सीधा मुकाबला हो. बाकी की बची हुई सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन करना चाहिए.
वहीं, कई जानकारों का कहना है कि गठबंधन की चौथी बैठक के बाद ममता बनर्जी ने सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बातचीत के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा तय की थी. लेकिन कुछ राज्यों को छोड़कर अब तक इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है.
40 सीटें नहीं जीत पाएंगी कांग्रेस
ममता बनर्जी ने बीते दिनों मुर्शिदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, मुझे संदेह है कि अगर वो (कांग्रेस) 300 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे तो क्या वे 40 सीटें भी जीत पाएंगे. आप उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं जीत पाएंगे. आप राजस्थान में भी चुनाव नहीं जीते. हिम्मत है तो वाराणसी में जीतकर दिखाओ. हम भी देखें कि आप में कितनी हिम्मत है.
इन नेताओं को मिला टिकट
1- कूच बिहार (एससी)- जगदीश चंद्र बसुनिया
2- अलीपुरद्वार (एसटी)- प्रकाश चिक बड़ाईक
3- जलपाईगुड़ी (एससी)- निर्मल चौधरी रॉय
4- दार्जिलिंग- गोपाल लामा
5- रायगंज- कृष्णा कल्याणी
6- बालुरघाट- बिप्लब मित्रा
7- मालदा उत्तर- प्रसून बनर्जी
8- मालदा दक्षिण- शाहनवाज अली रैहान
9- जंगीपुर- खलीलुर्रहमान
10- बरहामपुर- युसूफ पठान
11- मुर्शिदाबाद- अबू ताहेर खान
12- कृष्णानगर- महुआ मोइत्रा
13- रानाघाट (एससी)- मुकुट मणि अधिकारी
14- बोंगांव- विश्वजीत दास
15- बैरकपुर- पार्थ भौमिक
16- दम दम- प्रोफेसर सौगत रॉय
17- बारासात- काकोली घोष दस्तीदार
18- बशीरहाट- नूरुल इस्लाम
19- जॉयनगर (एससी)- प्रतिमा मंडल
20- मथुरापुर (एससी)- बापी हलदर
21- डायमंड हार्बर- अभिषेक बनर्जी
22- जादवपुर- सायोनी घोष
23- कोलकाता दक्षिण- माला रॉय
24- कोलकाता उत्तर- सुदीप बंधोपाध्याय
25- हावड़ा- प्रसून बनर्जी
26- उलूबेरिया- सजदा अहमद
27- सेरामपुर- कल्याण बनर्जी
28- हुगली- रचना बनर्जी
29- आरामबाग (एससी)- मिताली बाग
30- तमलुक- देबांगशु भट्टाचार्य
31- कंठी- उत्तम बारिक
32- घाटल- दीपक अधिकारी (देव)
33- झारग्राम (एसटी)- कालीपाड़ा सोरेन
34- मेदिनीपुर- जून मालिया
35- पुरुलिया- शांतिराम महतो
36- बांकुरा- अरूप चक्रवर्ती
37- बिष्णुपुर (एससी)- सुजाता मंडल
38- बर्धमान पुरबा (एससी)- डॉ शर्मिला सरकार
39- बर्धमान दुर्गापुर- कीर्ति आजाद
40- आसनसोल- शत्रुघ्न सिन्हा
41- बोलपुर (एससी)- असित कुमार मल
42- बीरभूम- शताब्दी रॉयट