
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार की दोपहर को बांकुरा जिले में एक चुनावी रैली में अपने भाषण के दौरान बीमार पड़ गए एक व्यक्ति के लिए तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई और अपना भाषण रोक दिया. रैली को संबोधित करते समय TMC सुप्रीमो की नजर एक व्यक्ति पर पड़ी जो भाषण सुनने के दौरान जमीन पर गिरा पड़ा और बेहोश हो गया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ममता ने अपना भाषण बीच में ही रोक कर पार्टी कार्यकर्ताओं से व्यक्ति के चेहरे पर पानी छिड़कने और उसे नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने को कहा. जब व्यक्ति को मेडिकल ट्रीटमेंट फर्स्ट एड दिया जा रहा था तो सीएम ने धैर्यपूर्वक उसका इंतजार किया. जैसे ही बीमार व्यक्ति स्वस्थ हुआ और खड़ा हो गया. ममता ने उसे एम्बुलेंस से घर पहुंचाने का निर्देश दिया.
सीएम ने वहां मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और ट्रॉमा केयर कर्मियों से पूछा, इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है, जाहिर है कोई भी बीमार पड़ सकता है. कृपया डॉक्टर व्यक्ति का मेडिकल चेक-अप करें. इसके बाद बनर्जी ने अपना भाषण फिर से शुरू किया.
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख को नोटिस जारी किया
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार को उनकी पार्टी की ओर से कथित तौर पर टीएमसी को निशाना बनाने वाले विज्ञापन जारी करने के लिए शनिवार को दो अलग-अलग कारण बताओ नोटिस जारी किए.
चुनाव आयोग ने मजूमदार से स्पष्टीकरण मांगा है कि भारतीय जनता पार्टी के दो विज्ञापनों को मौजूदा लोकसभा चुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता और राजनीतिक दलों को दी गई सलाह का उल्लंघन क्यों नहीं माना जाना चाहिए. बीजेपी नेता को 21 मई शाम 5 बजे तक जवाब देने को कहा गया है.
नोटिस में दी गई अंग्रेजी कॉपी के अनुसार, एक विज्ञापन का शीर्षक है 'तृणमूल भ्रष्टाचार का मूल कारण है' जबकि दूसरे का शीर्षक 'तृणमूल सनातन विरोधी' है. पहले विज्ञापन में आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कारण पश्चिम बंगाल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. दूसरे में आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर को 'इस राज्य' में 'अपवित्र' माना जाता है. टीएमसी ने इन विज्ञापनों के खिलाफ चुनाव आयोग से संपर्क किया था और इन्हें 'भ्रामक' बताया था.
नोटिस जारी करते समय, चुनाव निगरानी संस्था ने मजूमदार को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के बारे में याद दिलाया.