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'मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए...', तीसरे चरण की वोटिंग के बीच लालू यादव का बड़ा दांव

बिहार में आज तीसरे चरण के तहत पांच सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस बीच लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को भड़का रही है.

लालू प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

बिहार में तीसरे चरण की वोटिंग के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरक्षण की बात कहकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए.

लालू यादव ने कहा, 'वोट हमारे तरफ जा रहा है .. बीजेपी वाले डर गए है कि लोगों को सिर्फ भड़का रहे हैं. बीजेपी वाले संविधान को खत्म करना चाहते हैं. जनता समझ गई है बीजेपी को .. आरक्षण तो मिलना चाहिए मुसलमानों को पूरा.'

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लालू यादव ने आगे कहा, 'बहुत अच्छा वोटिंग हो रही है. हर तरफ बड़ी-बड़ी लाइनें लगी हुई हैं. हमारे पक्ष में सारा वोटिंग हो रहा है.  बीजेपी वाले भड़का रहे हैं क्योंकि वो डर गए हैं. आरक्षण का प्रावधान है... वो तो लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं. ये बात जनता समझ चुकी है.'

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चिराग पासवान का आरक्षण को लेकर विपक्ष पर निशाना

लालू प्रसाद यादव के बयान के बीच मुस्लिम आरक्षण को लेकर लोजपा नेता चिराग पासवान का भी बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, 'लोग कहते हैं कि पीएम मोदी मुद्दे की बात नहीं करते हैं, यह भी तो मुद्दे की बात नहीं करते हैं. हर चीज में हिंदू-मुस्लिम आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म होने की बात करते हैं. किसने बोला आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, किसने बोला कि लोकतंत्र खतरे में है. जिन लोगों ने सही मायने में देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की, वह लोग लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं.यह लोगों को डराकर वोट हासिल करना चाहते हैं 2015 में भी इसी तरह से आरक्षण खत्म करने की बात कह कर हो-हल्ला मचाया था, एक तरफा चुनाव कर लिया था. मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं, वह संविधान को खत्म करने का प्रयास करेंगे'

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पीएम ने कही थी ये बात

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए  कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अन्य वंचित समूहों को मिलने वाले आरक्षण को धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने देंगे. 

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उन्होंने दावा किया कि जब तेलंगाना की 26 जातियां ओबीसी स्टेटस की मांग कर रही हैं, कांग्रेस ने इनकी मांग पर गौर नहीं किया और रातोरात मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कर दिया. पीएम मोदी ने तल्ख अंदाज में कहा- कांग्रेस वाले सुन लें, उनके चट्ट-बट्टे सुन लें, उनकी पूरी जमात सुन ले कि जब तक मोदी जिंदा है, दलितों का, एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने दूंगा.

मुस्लिम आरक्षण के खुले विरोध के पीछे रणनीति क्या?

पीएम मोदी और बीजेपी पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समाज से संवाद की रणनीति पर चल रहे थे. 'स्नेह यात्रा', 'न दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है' जैसे अभियानों के जरिए बीजेपी मुस्लिम वर्ग के बीच अपनी सियासी जमीन तैयार करने की कवायद में थी. चुनाव प्रचार जैसे-जैसे परवान चढ़ता गया, बीजेपी और पीएम मोदी ने अपनी रणनीति बदल ली. अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि पीएम मोदी खुलकर मुस्लिम आरक्षण के विरोध में क्यों उतर आए? इसके पीछे बीजेपी की रणनीति जातिगत जनगणना और आरक्षण विरोधी ठहराने की विपक्षी कोशिशों की धार कुंद करने की है.

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