
लोकसभा चुनाव अब अंतिम चरण में है. सिर्फ सातवें चरण की वोटिंग बाकी है, लेकिन महाराष्ट्र पहले ही लोकसभा चुनाव की वोटिंग से फारिग हो चुका है. ऐसे में राज्य में अभी जहां, जहां लोकसभा चुनावों के नतीजों का इंतजार हो रहा है तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार खेमे ने महाराष्ट्र में अक्टूबर के आसपास होने वाले आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाने के साथ-साथ लोकसभा चुनावों की समीक्षा करने के लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की एक बैठक बुलाई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि महायुति गठबंधन में उन्हें फायदा होगा या नहीं. इस बैठक के साथ ही शरद पवार गुट के युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता धीरज शर्मा भी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में आज एनसीपी अजित पवार गुट में शामिल हो गए.
एक बैठक में वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने स्पष्ट किया कि राज्य चुनाव के दौरान सीट बंटवारे में उन्हें उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. लोकसभा चुनाव के दौरान जो हुआ उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए.' भुजबल ने दावा किया, हमें विधानसभा में कम से कम 80 से 90 सीटें मिलनी चाहिए ताकि हम 50 से 60 सीटें हासिल कर सकें. जिस पर एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने आश्वासन दिया कि इस बार सीट बंटवारे में सेटिंग और इंतजार से काम नहीं चलेगा, बल्कि उम्मीदवारों की चुनावी क्षमता और जीतने की क्षमता ही एकमात्र मानदंड होगी. हमारे पास अच्छी ताकत है और सीट बंटवारे में हमें उचित हिस्सेदारी मिलेगी. पटेल ने कहा, अब बीजेपी भी जानती है कि राज्य में सत्ता वापस पाने के लिए कुछ सीटों पर इंतजाम करना जरूरी है.
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष को राज्य की 48 में से केवल 7 सीटें मिलीं, इसलिए, मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान एनसीपी के पास अधिक सीटों की मांग करने की सीमित गुंजाइश थी. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी राज्य चुनावों में पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता और नेता को समान अवसर मिलेगा. अजित पवार ने आगे कहा कि उन्होंने एनडीए के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं को बताया है कि नासिक लोकसभा में उम्मीदवार की घोषणा में देरी से हमारे विरोधियों को फायदा हुआ है. पवार ने कहा, राज्य चुनाव के दौरान इस परिदृश्य से बचना चाहिए.