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बिहार को स्पेशल स्टेटस देने के सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पटना के प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "बोल रहे हैं कि देना है, उसके ऊपर निर्णय जब भी होगा." वित्त मंत्री ने यह भी कहा, "केंद्र सरकार चाहती है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य के तहत पूरे देश के लिए विकास का इंजन बने."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या कोई स्पेशल स्टेटस देने का प्रावधान है तो वित्त मंत्री ने कहा, "इसके लिए फाइनेंस कमिशन की सिफारिश में जिक्र किया जाना चाहिए." उन्होंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पूर्वी राज्यों का त्वरित विकास हमेशा एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है."
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'जंगल राज' में घटी बिहार की प्रति व्यक्ति आय!
बिहार के पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में को संबोधित करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "2005 से पहले 'जंगल राज' की वजह से बिहार के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. बिहार में प्रति व्यक्ति जीडीपी 1991 में 21,282 रुपये था, जो कि ओडिशा से अधिक था. लेकिन 'जंगल राज' के दौरान यह घटकर 14,209 रुपये पर आ गया, जो कि बिहार की प्रति व्यक्ति जीडीपी में लगभग 33% की गिरावट थी.
वित्त मंत्री ने कहा, "2002 के बाद, बिहार की प्रति व्यक्ति वृद्धि औसतन 5% की स्थिर दर से हुई जो 2019 में 37,000 रुपये पर था. उन्होंने कहा, "लेकिन जंगलराज के दौरान बिना कुशासन के 95,330 रुपये तक बढ़ाया जा सकता था."
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आरक्षण पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री ने आरोप लगाया, "ये कहते हैं कि अल्पसंख्यकों को पूरा आरक्षण देंगे. जबकि धर्म आधारित आरक्षण की हमारे कानून में इजाजत नहीं दिया गया है." उन्होंने कहा, "इसका मतलब ये हुआ कि एससी, एसटी, ओबीसी से छीनकर धर्म आधारित आरक्षण का प्लान करके चल रही है ये इंडी गठबंधन."