
कांग्रेस द्वारा कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पूर्वोत्तर दिल्ली लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई है. अब बीजेपी के मनोज तिवारी और INDIA गठबंधन (AAP और कांग्रेस) के कन्हैया कुमार के बीच सीधी लड़ाई है. मनोज तिवारी पिछले दो बार से BJP के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि, दिल्ली की राजनीति में कन्हैया कुमार की यह पहली राजनीतिक पारी है. इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में पूर्वांचली मतदाता हैं. लोकसभा क्षेत्र की कुछ विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी भी है. इस निर्वाचन क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी (एससी), रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर (एससी), मुस्तफाबाद और करावल नगर हैं.
2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में दो समुदायों के बीच हिंसक दंगे हुए, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई. यहां की जनता कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के बारे में क्या सोचती है? यह जानने के लिए आजतक की टीम ने भजनपुरा, सीलमपुर और खजूरी इलाकों का दौरा किया.
बाहरी उम्मीदवार को लेकर लड़ाई दिलचस्प
खजूरी इलाके के लोगों का कहना है कि मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार दोनों बाहरी उम्मीदवार हैं और अधिकतर लोग पूर्वाचल के हैं, जिससे लड़ाई दिलचस्प हो गई है. INIDA गठबंधन ने बीजेपी के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना मुश्किल कर दिया है. खजुरी के एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'कांग्रेस सीट जीतेगी, क्योंकि मनोज तिवारी कभी हमारे दरवाजे पर नहीं आए.'
एक फल विक्रेता ने कहा, 'कन्हैया कुमार एक शिक्षित उम्मीदवार हैं और जीतेंगे.' क्षेत्र के लोगों का मुख्य मुद्दा सफाई और सड़क है, जिसपर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है. युवाओं में नौकरियां और पेपरलीक मुख्य मुद्दे हैं, लेकिन फिर भी कई युवाओं ने कहा कि वे बीजेपी को वोट देंगे.
कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस का पलड़ा भारी
हिंदू आबादी वाले भजनपुरा में बीजेपी और मनोज तिवारी का मजबूत मतदाता आधार है. कई लोग पीएम के चेहरे पर वोट कर रहे हैं. एक स्थानीय ने कहा, 'यहां मनोज तिवारी जीतेंगे और यमुना पार का इलाका हमेशा से बीजेपी का क्षेत्र रहा है.' भजनपुरा के एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, 'सहारनपुर एक्सप्रेस वे और मेट्रो लाइन जैसी सड़कें मुख्य मुद्दे हैं, हम मनोज तिवारी को वोट देंगे.'
कुछ लोगों ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को भी मुद्दा बताया. जब स्थानीय लोगों से पूछा गया कि अरविंदर सिंह लवली भी टिकट के दावेदार हैं, तो लोगों ने कहा कि स्थानीय होने के कारण वह भी भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते थे.
पिछले चुनाव में तिवारी को करीब 7,87,000 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस की शीला दीक्षित को करीब 4,21,000 वोट मिले थे और आप के दिलीप पांडे को 1,90,000 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों की सामूहिक संख्या इस सीट पर मनोज तिवारी के लिए चुनौती पैदा कर सकती है.