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सीटों पर मनमानी, गठबंधन धर्म पर सवाल... बिहार से महाराष्ट्र तक INDIA ब्लॉक में ठीक नहीं सबकुछ?

2024 लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर का नामांकन शुरू हो गया है. लेकिन, विपक्ष में सीटों की जंग नहीं थम रही है. बिहार में महागठबंधन में कुछ ठीक नहीं दिख रहा है. सीट शेयरिंग पर अब तक ऐलान नहीं हुआ है. पूर्णिया सीट पर जंग तेज हो गई है. आरजेडी ने बिना ऐलान ही पूर्णिया से उम्मीदवार उतार दिया है.

बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है. बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक में सहमति नहीं बन पा रही है और रोज टकराव की खबरें आ रही हैं. पहले पश्चिम बंगाल में बात बिगड़ी, फिर पंजाब में भी अलायंस टूटा और अब महाराष्ट्र में भी सीट शेयरिंग पर पेंच नहीं सुलझ पा रहा है. बिहार में भी अंदरखाने नाराजगी का माहौल बन रहा है. बुधवार को महाराष्ट्र और बिहार में ऐसे दो बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए, जिससे अलायंस में सब कुछ ठीक नहीं होने के कयासों को बल मिला है. पहले चरण में महाराष्ट्र की पांच और बिहार की चार सीटों पर चुनाव होने हैं. जानिए सहयोगी दलों में टकराव के सात पॉइंट....

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1. बिहार में महागठबंधन में पेच क्या?

बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर महागठंबधन में तनाव हो गया है. राजद ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. इनमें कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस की नजर है. यानी वहां कांग्रेस नेता दावेदारी कर रहे हैं. बिहार में औरंगाबाद, बेगूसराय, कटिहार, सिवान और पूर्णिया सीटों को लेकर इंडिया ब्लॉक में पेच फंसा है. आरजेडी ने अलांयस की सहमति के बिना ही पूर्णिया से भी उम्मीदवार उतार दिया है. औरंगाबाद सीट पर कांग्रेस और राजद में खींचतान है. यहां कांग्रेस दावेदारी कर रही है. जबकि आरजेडी ने वहां से अभय कुशवाहा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. 

2. पूर्णिया सीट पर पप्पू यादव की दावेदारी, राजद को मंजूर नहीं?

दरअसल, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर लंबे समय से दावेदारी कर रहे हैं. वे लगातार वहां एक्टिव हैं और लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. उन्होंने जनसभाएं भी की हैं. 8 दिन पहले पप्पू यादव ने कांग्रेस जॉइन की है और अपनी पार्टी JAP (जन अधिकार पार्टी) का विलय किया है. खबर है कि पप्पू यादव कांग्रेस में इसी शर्त पर गए हैं कि उन्हें इंडिया ब्लॉक से उम्मीदवार बनाया जाएगा. इतना ही नहीं, कांग्रेस में शामिल होने से पहले पप्पू किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं थे. यही वजह है कि दिल्ली जाने से पहले उन्होंने पटना में राजद प्रमुख लालू यादव से मुलाकात की. वहां तेजस्वी भी साथ बैठे. बैठक के बाद पप्पू यादव ने संदेश दिया कि लालू से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं और सीमांचल-मिथिलांचल में एनडीए को हराने के लिए रणनीति पर चर्चा की है. पप्पू यह बताना भी नहीं भूले कि वो पूर्णिया से अपनी दावेदारी कर रहे हैं. पप्पू तीन बार पूर्णिया से सांसद चुने गए हैं. हालांकि, राजद भी पूर्णिया सीट पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही थी.

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आरजेडी ने पूर्णिया से बीमा भारती को कैंडिडेट घोषित किया है. बीमा भारती भी हाल ही में जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुई हैं. पूर्णिया सीट पर कांग्रेस भी दावेदारी रही है. जबकि आरजेडी कह रही है कि ये सब तो होता रहता है. गठबंधन में कभी-कभी सीटें इधर-उधर होती रहती हैं. वहीं, हाल ही में कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव पूर्णिया छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने साफ कहा है कि वो दुनिया छोड़ देंगे, लेकिन अपनी सीट पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने पूर्णिया से खुद का पारिवारिक रिश्ता बताया. फिलहाल, पप्पू यादव नाराज दिख रहे हैं.

पप्पू यादव का कहना है कि मैंने पहले भी कहा है और इसे फिर से कहूंगा. दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो मुझे इस बार पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने से रोक सके. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आगे कांग्रेस नेतृत्व को तय करना है. वहीं, बीमा भारती का कहना है कि मुझे पप्पू यादव का सहयोग भी मिलेगा. उन्होंने आगे कहा, मैं 3 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करूंगी. पूर्णिया में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान हो रहा है, जिसके लिए गुरुवार से नामांकन पत्र दाखिल होना शुरू होंगे. 

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3. सीट शेयरिंग पर अब तक सहमति नहीं

बिहार में सीट शेयरिंग पर इंडिया ब्लॉक में सहमति नहीं बन पाई है. यही वजह है कि कई दौर की बातचीत के बाद भी बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है और उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं. बिहार में इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस, आरजेडी, सीपीआईएम, सीपीआई शामिल हैं. कांग्रेस 10 लोकसभा सीटों पर दावेदारी कर रही है. जबकि आरजेडी 7 सीटें देने पर अड़ी है. जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने सीटों का फॉर्मूला निकाल लिया है और अपने-अपने उम्मीदवार भी फाइनल करना शुरू कर दिए हैं. 

4. महाराष्ट्र में भी सीटों पर खटपट

इधर, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में भी सीटों पर खटपट देखने को मिल रही है. यहां 6 सीटों को लेकर विवाद है. जनवरी से मार्च तक यानी तीन महीने से अलायंस में सहयोगी दल आपस में सीट बंटवारे पर सहमति बनाने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन, एक सीट पर तीन-तीन दलों की दावेदारी होने से बंटवारा पर बात नहीं बन रही है. शिवसेना उद्धव गुट ने बुधवार को 17 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया, जिससे कांग्रेस और शरद पवार खेमा नाराज हो गया है. MVA नेताओं का कहना है कि गठबंधन धर्म नहीं निभाया जा रहा है. कांग्रेस ने एकतरफा फैसले पर नाराजगी जताई है.  कांग्रेस ने उन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिन पर कोई विवाद नहीं है.

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5. महाविकास अघाड़ी में पेच क्यों?

बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी सीटों के फॉर्मूले पर बात नहीं बन रही है. माना जा रहा है कि मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ-वेस्ट, सांगली और भिवंडी सीट पर एनसीपी शरद पवार, शिवसेना उद्धव और कांग्रेस में सहमति नहीं बन पाई है. मुंबई साउथ सेंट्रल सीट से उद्धव की पार्टी ने अनिल देसाई के नाम की घोषणा कर दी है. जबकि कांग्रेस वर्षा गायकवाड़ को उतारना चाहती है. मुंबई नॉर्थ ईस्ट सीट से शिवसेना ने अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से कांग्रेस नेता संजय निरूपम लगातार दावेदारी ठोंक रहे हैं. वहीं, सांगली सीट से चंद्रहार पाटील का नाम उद्धव की पार्टी ने घोषित किया है. कांग्रेस का दावा इस सीट पर भी है, जो विशाल पाटील को उम्मीदवार बनाना चाहती है. वहीं, भिवंडी सीट पर एनसीपी शरद और कांग्रेस अपना-अपना दावा कर रही है. कांग्रेस रामटेक पर भी दावेदारी कर रही है. सूत्र कहते हैं कि शिवसेना (यूबीटी) इस बात पर अड़ी हुई है कि अगर कांग्रेस को मुंबई साउथ सेंट्रल सीट दी जाती है तो रामटेक सीट उसके लिए छोड़ी जाए.

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6. प्रकाश आंबेडकर भी नाराज, घोषित किए कैंडिडेट

महाराष्ट्र में विपक्ष को झटका देते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने भी बुधवार को आठ लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर खुद अकोला से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने एमवीए के सहयोगियों कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (यूबीटी) पर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. वीबीए ने भंडारा-गोंदिया से संजय केवट, गढ़चिरौली से हितेश मडावी, चंद्रपुर से राजेश बेले, बुलढाणा से वसंत मगर, अकोला से प्रकाश अंबेडकर, अमरावती से प्रकजक्ता पिल्लेवान, वर्धा से राजेंद्र सालुंखे और यवतमाल-वाशिम से खेमसिंह पवार को मैदान में उतारा है. इंडिया ब्लॉक ने वीबीए को चार लोकसभा सीटों की पेशकश की थी, जिसे वीबीए ने अस्वीकार कर दिया था. बाद में एक और सीट की पेशकश की गई थी.

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7. क्या महाराष्ट्र में आज सुझलेगा सीटों का विवाद?

महाराष्ट्र में कुल 48 सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वीबीए ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया था, लेकिन किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. हालांकि, इस गठबंधन ने करीब एक दर्जन सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी के उम्मीदवारों की नुकसान पहुंचाया था. विवाद के बीच आज शाम 4 बजे मुंबई में फिर से MVA की बैठक होने जा रही है, जिसमें विवादित सीटों को लेकर मंथन होगा. अब सभी की नजरें आज होने वाली बैठक पर टिकी हैं. इससे पहले उद्धव और शरद पवार के आवास पर भी बैठक में सीटों का गतिरोध सुलझाने पर चर्चा हुई थी. महाराष्ट्र में अप्रैल-मई में पांच चरणों में मतदान होगा. यहां 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

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