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इस बार BJP काट सकती है उस सांसद का टिकट, जिसके विजिटर पास पर हुई थी संसद की सुरक्षा में चूक

संसद की सुरक्षा में चूक मामले से चर्चा में आए मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा की टिकट कट सकती है. बीजेपी स्टेट यूनिट सिम्हा को इस बार टिकट देने के पक्ष में नहीं है. बता दें कि बीते 13 दिसंबर को चार युवकों ने सुनियोजित तरीके से संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई थी.

इस बार कट सकता है प्रताप सिम्हा का टिकट! इस बार कट सकता है प्रताप सिम्हा का टिकट!
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 10 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST

संसद हमले की बरसी वाले दिन कुछ युवकों ने संसद की सुरक्षा में एक बार फिर सेंधमारी की कोशिश की थी, लेकिन जल्द ही हालात पर काबू पा लिया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी. जिस सांसद के विजिटर पास पर युवकों ने संसद में एंट्री ली थी, उस सांसद का टिकट बीजेपी काट सकती है.   

प्रताप सिम्हा लगातार दो बार मैसूर की सीट से सांसद चुने गए हैं. हालांकि इस बार बीजेपी राज्य इकाई उन्हें टिकट देने के समर्थन में नहीं है. दरअसल संसद में उनके पास पर घुसे लोगों ने व्यस्थापिका की सुरक्षा में सेंधमारी की थी. उसके बाद से बीजेपी को काफी कुछ सुनना पड़ा था. इस बार टिकट के लिए मैसूर के लिए वोडियार साम्राज्य के वंशज राजा युद्धवीर का नाम शॉर्टलिस्ट किया गया है. 

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बेटे के लिए टिकट मांग रहे ईश्वरप्पा 

वहीं पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा भी इस बार अपने बेटे कांतेश के लिए हावेरी सीट से टिकट मांग रहे हैं. इसके लिए वह खुद लोकसभा चुनाव से दूर होने पर सहमत हो गए हैं. वहीं ईश्वरप्पा की अपील पर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह मेरे साथ दिल्ली चलें और अमित शाह से मिलकर अपनी बात रखें. इसमें हम उनके साथ खड़े हुए हैं. 

13 दिसंबर को क्या हुआ था? 

बीते साल 13 दिसंबर को संसद में चार आरोपियों ने रंगीन धुआं छोड़ा और संसद के अंदर और बाहर नारेबाजी की. संसद में हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन के बाद कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो को हिरासत में लिया गया है. जब शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चल रही थी तब दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे. इस चूक के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए संसद भवन सुरक्षा स्टाफ से जुड़े हुए कई कर्माचरियों को सस्पेंड कर दिया गया है. 

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टीपू सुल्तान को लेकर विवाद 

एक सांसद के रूप में सिम्हा का कार्यकाल कई विवादों से भरा रहा. वह 2015 में टीपू सुल्तान के जन्मोत्सव समारोह के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ मुखर थे. उन्होंने कहा कि सुल्तान केवल इस्लामवादियों के लिए एक आदर्श हो सकते हैं. साथ ही आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्य में जिहादियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. इस मामले में बीजेपी सांसद ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन भी किए थे.   

बस स्टॉप को गिराने की चेतावनी देकर चर्चा में आए थे प्रताप सिम्हा 

पत्रकार से राजनेता बने प्रताप सिम्हा पहले भी विवादों में रह चुके हैं. पिछले साल प्रताप सिम्हा ने मैसूर-ऊटी रोड पर बने एक बस स्टॉप को गिराने की चेतावनी दी थी. बीजेपी सांसद सिम्हा ने कहा, ''मैंने सोशल मीडिया पर इस बस स्टॉप को देखा है. बस स्टॉप गुंबद की तरह ही है, बीच में बड़ा और अगल-बगल छोटे गुंबद.  वह सिर्फ मस्जिद ही है. मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में ढांचे को ध्वस्त कर दें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं एक जेसीबी लोकर खुद इसे गिरा दूंगा."

गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठनों के आतंकवादियों ने 2001 में आज ही के दिन संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी.  

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