
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. इन आठ सीटों में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का निर्वाचन क्षेत्र आरा के साथ ही बक्सर जैसी सीटें भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्रियों की सीट पर चुनाव के बीच जिस सीट को लेकर सबसे अधिक चर्चा हो रही है, वह सीट है काराकाट लोकसभा सीट.
काराकाट लोकसभा सीट से बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं. उपेंद्र कुशवाहा के सामने विपक्षी गठबंधन की ओर से राजाराम कुशवाहा की चुनौती है. भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने इस चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है. बिहार बीजेपी की कार्यकारिणी में शामिल रहे पवन सिंह काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
पवन के प्रचार में जमीं पर उतरे भोजपुरी सितारे
बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे पवन के लिए काराकाट की चुनावी राह पथरीली कही जा रही थी. तर्क दिए जा रहे थे कि इतने कम समय में समर्थकों से लेकर संसाधनों का इंतजाम आसान नहीं होगा लेकिन पवन ने जब काराकाट में जनसंपर्क शुरू किया, अपनी प्रचार शैली और रणनीति के जरिए न सिर्फ खुद को मुकाबले में लेकर आए बल्कि इस सीट को बिहार की सबसे हॉट सीटों में से एक भी बना दिया. पवन के प्रचार के लिए भोजपुरी के दर्जन भर से अधिक सितारे काराकाट की जमीं पर उतर आए. एक सीट तक सीमित पवन ने चुनाव प्रचार के अंतिम फेज में हेलिकॉप्टर भी मंगवा लिया.
पवन के साथ घूम रहे कल्लू, खेसारी ने भी मांगा वोट
भोजपुरी स्टार अरविंद अकेला कल्लू काराकाट में ही कैंप कर पवन सिंह के साथ गांव-गांव, कस्बा-कस्बा घूम रहे हैं. वहीं, रोहतास जिले के बिक्रमगंज और नासरीगंज, औरंगाबाद जिले के दाउदनगर और बारुण में खेसारी लाल यादव ने पवन के लिए जनसभाएं कर वोट मांगा. कल्लू और खेसारी ही नहीं, भोजपुरी फिल्म और संगीत जगत के ऐसे तमाम बड़े सितारे काराकाट पहुंचे जिनका आधिकारिक रूप से किसी दल के साथ जुड़ाव नहीं है. भोजपुरी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री काजल राघवानी, पाखी हेगड़े, आस्था सिंह से लेकर अनुपमा यादव और गायक-अभिनेता रितेश पांडेय तक प्रचार के लिए काराकाट पहुंचे.
यह भी पढ़ें: उपेंद्र कुशवाहा vs पवन सिंह... काराकाट में किसका खेल बिगाड़ेंगे भोजपुरी के 'पावर स्टार'?
काराकाट में कैसे 'अंडरडॉग' बने पवन?
पवन सिंह ने जब काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के सामने उन्हें मुकाबले में ही नहीं गिना जा रहा था. एनडीए कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा के पास अपना वोट बेस भी है. विपक्षी गठबंधन ने भी उसी कुशवाहा समाज से ही उम्मीदवार उतार दिया जिससे उपेंद्र कुशवाहा आते हैं. कुशवाहा वोट को एकजुट रखने की चुनौती के बीच पवन सिंह की उम्मीदवारी से वोटों का जातीय गणित और उलझ गया. बड़ी फैन फॉलोइंग और सवर्ण वोटों का समीकरण, इन दोनों फैक्टर्स ने पवन को इस चुनाव में अंडरडॉग बना दिया है.
यह भी पढ़ें: भोजपुरी एक्टर अपना पहला लोकसभा चुनाव हारे, क्या पवन सिंह तोड़ पाएंगे ये रिकॉर्ड?
क्या है काराकाट में वोटों का समीकरण?
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा, कुर्मी के साथ ही सवर्ण वर्ग के मतदाताओं की संख्या अनुमानों के मुताबिक दो से तीन लाख के बीच है. कुशवाहा मतदाता उपेंद्र के साथ जाते रहे हैं तो वहीं एनडीए से कैंडिडेट रहने पर उनको कुर्मी और सवर्ण वोट भी मिलते रहे हैं. यादव-मुस्लिम वोट आरजेडी को जाता रहा है. इस सीट पर अबकी आरजेडी का कैंडिडेट नहीं है. विपक्षी गठबंधन की ओर से यहां सीपीआई-एमएल ने भी कुशवाहा कार्ड ही चल दिया है. दो कुशवाहा की लड़ाई में दूसरी पिछड़ी जातियों और सवर्णों का वोटिंग ट्रेंड नतीजे निर्धारित करने वाला माना जा रहा है.