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PM Modi Exclusive Interview: पीएम मोदी ने बताई परिवारवाद की ये परिभाषा... विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब

PM Modi Exclusive Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की परिभाषा बताई है. उन्होंने आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा है कि किसी परिवार के 10 लोग अगर पब्लिक लाइफ में आते हैं तो मैं नहीं मानता कि यह बुरा है.

पीएम मोदी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू. पीएम मोदी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:08 AM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) आए दिन कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाती है. इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस भी बीजेपी में परिवारवाद होने की बात कहती है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया है कि आखिर परिवारवाद की परिभाषा क्या है?

इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की.

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10 लोगों का पब्लिक लाइफ में होना बुरा नहीं

परिवारवाद की परिभाषा बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं कहता हूं परिवारवादी पार्टी तो मीडिया के लोग मुझसे पूछते हैं कि राजनाथ सिंह का बेटा भी तो है. मैं बता दूं कि दोनों में फर्क है. मैं जब परिवारवादी पार्टी कहता हूं तो उसका मतलब है कि पार्टी ऑफ द फैमिली, बाय द फैमिली और फॉर द फैमिली. किसी परिवार के 10 लोग अगर पब्लिक लाइफ में आते हैं तो मैं नहीं मानता कि यह बुरा है. चार लोग अगर बढ़-चढ़कर आगे जाते हैं तो मैं इसे भी बुरा नहीं मानता. लेकिन वो पार्टी नहीं चलाते, पार्टी फैसला लेती है.'

पब्लिक लाइफ से खत्म हो गया ब्लैक मार्केट

पीएम मोदी से जब पूछा गया कि जांच एजेंसियों पर पक्षपात के आरोप लगते हैं तो जवाब में उन्होंने कहा, 'आज से 20 साल पहले खबर क्या होती थी कि ब्लैक मार्केट पर रेड हुई. इतनी चीनी पकड़ी गई. ब्लैक मार्केट की दुनिया अब हिंदुस्तान की पब्लिक लाइफ में नहीं रही. थियेटर में भी ब्लैक मार्केट नहीं बचा. अब ईडी वह काम कर रही है, जिसकी जिम्मेदारी उस पर है.'

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तो फिर ED को कैसे किया जा सकता है बदनाम?

प्रधानमंत्री ने कहा, 'आंकड़े कह रहे हैं 2004 से 2014 तक उन्होंने (विपक्ष) सिर्फ 35 लाख रुपए जब्त किए. हम तो विपक्ष में थे, किसने रोका था. हमारी सरकार ने 2200 करोड़ रुपए पकड़े हैं. तो फिर ईडी को बदनाम कैसे किया जा सकता है. कहीं ड्रग्स है, उसकी खेप पकड़ी जाती है तो इसमें तो जांच एजेंसी की तारीफ होनी चाहिए. 2004 से 2014 तक 10 साल तक जांच एजेंसी को इतनी सैलरी दी, उसने काम क्या किया. अगर टिकट चेकर, टिकट चेक नहीं करेगा तो उसका काम क्या है.' 

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