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PM Modi Interview: ‘जब तक मोदी जिंदा है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा’ aajtak से इंटरव्यू में बोले पीएम

चुनावी व्यस्तताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक से खास बातचीत की और कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेरेटिव पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक किस्सा भी साझा किया जब महाराष्ट्र में उन्होंने स्कूली बच्चों से यूसीसी पर सवाल पूछे थे.

पीएम मोदी ने की आजतक से खास बातचीत पीएम मोदी ने की आजतक से खास बातचीत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

लोकसभा चुनाव के चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है. तीन चरणों के मतदान अभी बाकी हैं. राजनेता लगातार चुनावी सभाओं, रैलियों और रोड शो में व्यस्त हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक से खास बातचीत की और बड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेरेटिव पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक किस्सा भी साझा किया जब महाराष्ट्र में उन्होंने स्कूली बच्चों से यूसीसी से जुड़े सवाल पूछे थे.

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इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी से पूछा गया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में एक दूसरा नेरेटिव है. अब लोग कहते हैं कि यह वन नेशन-वन ड्रेस हो जाएगी, वन नेशन-वन फूड हो जाएगा, वन नेशन-वन लैंग्वेज हो जाएगा और उसके आगे यह कि अब वन नेशन-वन लीडर हो जाएगा और हम उसी तरफ बढ़ रहे हैं. इसपर आपका क्या कहना है?

यूसीसी पर दिया गोवा का उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा, 'जो लोग ऐसा बोलते हैं उनसे काउंटर सवाल किया जाना चाहिए कि आप यह नेरेटिव लाए कहां से. उन्होंने यूसीसी पढ़ा है? यूसीसी होता क्या है? इस देश के पास उदाहरण है, गोवा में यूसीसी है. आप मुझे बताइए कि गोवा के लोग एक ही प्रकार के कपड़े पहनते हैं क्या? क्या गोवा के लोग एक ही प्रकार का खाना खाते हैं? क्या मजाक बनाकर रखा है यूनिफॉर्म सिविल कोड का. इसका तो कोई लेना देना ही नहीं.'

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जब बच्चों से यूसीसी पर पूछा सवाल

पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम दो दर्जन बार कहा है कि इस देश में यूसीसी लाओ. मुझे याद है कि मैं शायद एकता यात्रा में चला था. कन्या कुमारी से कश्मीर जा रहा था और महाराष्ट्र में शायद औरंगाबाद में हमारे रथ का शाम का जो कार्यक्रम था उस पर चिली का कोई बाजार है. डॉक्टर जोशी को उससे अलर्जी है तो वह बीमार हो गए. बड़ी हालत खराब हो गई. तो सारा मोर्चा मुझे संभालना पड़ा. हमारा रथ एक स्कूल के पास से गुजरा. मैंने कहा कि रथ रोको नीचे बात करते हैं तो मैं बच्चों के साथ बात करने गया. उसका वीडियो कहीं उपलब्ध भी होगा. उस जमाने में बच्चों से उस समय मैंने पूछा कि बताओ भाई आपके परिवार में पांच लोग हैं. क्या बड़े भाई के लिए आपके माता-पिता एक नियम कानून रखते हैं, दूसरे भाई के लिए दूसरा नियम कानून रखते हैं, तीसरे के लिए अलग तो आपका परिवार चलेगा क्या. सब बच्चे बोले- नहीं, नहीं ऐसा कैसे चल चकता है.'

देखें पूरा इंटरव्यू

पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने करीब दस सवाल पूछे और जो उन बच्चों ने कहा वह यही कि सबके लिए समान कानून होने चाहिए और ये आठवीं-नवमी के बच्चे थे. जो मेरे देश के महाराष्ट्र के टीयर टू-टीयर थ्री बच्चे समझते हैं वह देश के नेता नहीं समझते हैं. तब मेरे मन में सवाल उठता है कि ये झूठे नेरेटिव हैं. यह किसी पॉलिटिकल पार्टी का विषय नहीं है. यह देश के संविधान में लिखा है कि भारत को उस दिशा में जाना चाहिए.'

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'संविधान के साथ सबसे पहले खिलवाड़ पंडित नेहरू ने किया'

प्रधानमंत्री से पूछा गया कि इन दिनों एक नया नेरेटिव चल पड़ा है कि संविधान बदलने वाले हैं और यह अचानक से पिक कर गया. जवाब में पीएम ने कहा, 'पिक कर गया तो मैं नहीं मानता हूं. लेकिन इस देश में ऐसा भी झूठ चल सकता है जिसके सिर पैर नहीं है. इस देश में सबसे पहले संविधान के साथ खिलवाड़ किसने किया, पंडित नेहरू ने किया. वह संविधान में पहला अमेंडमेंट फ्रीडम ऑफ स्पीज को रिस्ट्रिक्ट करने वाला लाए. यह लोकतंत्र के भी खिलाफ था, संविधान के भी खिलाफ था. दूसरा उनकी बेटी लाईं. प्रधानमत्री थीं वह. बेटी ने क्या किया. कोर्ट ने जजमेंट दिया कि आप पार्लियामेंट में नहीं रह सकतीं तो कोर्ट के जजमेंट को बदल दिया. देश में आंदोलन चला तो उन्होंने इमरजेंसी लगाकर सारे अखबारों को बंद कर दिया.' 

उसके बाद उनके बेटे आए. शाहबानो के जममेंट को उलट दिया. फिर वह मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाए. देश भर में विपक्ष थोड़ा मजबूत हुआ था. मीडिया भी वाइब्रेंट होने लगा था. सब टूट पड़े कि हम फिर से इमरजेंसी नहीं आने देंगे. उनको कानून वापस लेना पड़ा. फिर उनके बेटे आए तो रिमोट कंट्रोल से सरकार चल रही थी. संविधान की शपथ से सरकार बनी थी, संविधान की शपथ से कैबिनेट बनी. उस कैबिनेट ने एक बिल पास किया और एक शाहजादा प्रेसवार्ता बुलाकर कैबिनेट के निर्णय की धज्जियां उड़ा देता है.'

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'मैं देश को एकजुट रखूंगा'

पीएम मोदी ने कहा, 'इतना ही नहीं, कैबिनेट फिर अपने मुद्दे को रिवर्स कर देती है. इसका मतलब यह हुआ कि एक ही परिवार के चार लोगों ने अलग-अलग समय पर संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं. उन लोगों के लिए संविधान को लेकर इस प्रकार की गंदी हरकतें करने का जमाना चला गया और इसलिए मैं आज डंके की चोट पर कहता हूं कि जब तक मोदी जिंदा है तब तक जो संविधान सभा की मूल भावना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा मैं इसके लिए लड़ाई लड़ूंगा, जान खपा दूंगा. धर्म के आधार पर आपने देश को बांट दिया. अब धर्म के आधार पर आप यह करोगे. क्या सिर्फ अपना पद बना रहे, कुर्सी मिलती रहे इसलिए यह खेल खेलते रहेंगे. देश इसे स्वीकार नहीं करेगा और मैं देश को एकजुट करूंगा. उसके लिए मैं अपना जीवन खपाऊंगा.'

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