
लोकसभा के चुनावी महामुकाबले के लिए रणभेरी बज चुकी है. चुनाव की तारीखें भी आ गई हैं, चुनाव नतीजों के ऐलान की तारीख भी आ चुकी है और शह-मात के लिए राजनीतिक बिसात भी बिछाई जाने लगी है. एक दिन बाद यानी 20 मार्च से पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. राजनीतिक दलों की ओर से ग्राउंड एक्शन भी शुरू हो चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी कैंपेन के लिए मैदान में हैं, दक्षिण का दुर्ग भेदने के लिए पांच राज्यों में ताबड़तोड़ रैलियां और रोड-शो कर रहे हैं. वहीं, विपक्षी इंडिया ब्लॉक भी मुंबई में बड़ी रैली कर एकजुटता का संदेश दे चुका है.
ग्राउंड एक्शन के साथ चुनावी मौसम में सियासी मेलोड्रामा के रंग भी घुल चुके हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू धर्म में एक शक्ति होती है. हम केवल बीजेपी या नरेंद्र मोदी से नहीं लड़ रहे. हमारी लड़ाई एक शक्ति से है. राहुल ने यह भी बताया कि वह शक्ति क्या है. लेकिन पीएम मोदी ने राहुल के इस वार को ही अपना हथियार बना लिया. पीएम मोदी ने शक्ति को महिलाओं से जोड़ कांग्रेस की सरकार वाले तेलंगाना से विपक्ष पर जोरदार हमला बोला.
उन्होंने कहा कि 4 जून को मुकाबला हो जाएगा कि कौन शक्ति को समाप्त करता है और कौन शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करता है. वहीं, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को लगी चोट को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता चुनाव से जोड़ ड्रामा बता रहे हैं. तेज होती जुबानी जंग के बीच टिकट बंटवारे से लेकर सीट शेयरिंग तक, रणनीतिक मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक में किसकी तैयारी कितनी है?
टिकट बंटवारे से रैली तक एनडीए आगे
टिकट बंटवारे की बात हो या चुनावी जनसभाओं की, बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए आगे नजर आ रहा है. बीजेपी की ही बात करें तो पार्टी अब तक 267 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, अंडमान निकोबार, दमन दीव और दादरा नागर हवेली की हर सीट के लिए उम्मीदवार का ऐलान कर चुकी है. वहीं, कांग्रेस इस मामले में काफी पीछे नजर आती है.
कांग्रेस ने भी अब तक बीजेपी के बराबर ही उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है लेकिन इन दो लिस्ट में कुल 82 उम्मीदवारों के नाम ही हैं. यूपी में एनडीए गठबंधन का हिस्सा जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी अपने कोटे की दो सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है. समाजवादी पार्टी (सपा) अब तक करीब 40 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. पश्चिम बंगाल की बात करें तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सभी 42 सीटों पर अपने पत्ते खोल चुकी है. टीएमसी ने एक ही लिस्ट में सूबे की सभी सीटों के लिए नाम का ऐलान कर दिया था.
आम आदमी पार्टी घोषित कर चुकी इतने नाम
दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की चार और पंजाब की आठ लोकसभा सीटों के साथ ही असम की तीन सीटों के लिए भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर चुकी है. आम आदमी पार्टी दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही है. ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल अब तक नौ सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. लेफ्ट ने केरल की सभी 20 और पश्चिम बंगाल की 16 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.
गठबंधन के फेर में फंसी इन राज्यों की सीटें
कई राज्यों में उम्मीदवारों का ऐलान गठबंधन के फेर में भी फंसा हुआ है. बिहार में मैराथन मंथन के बाद एनडीए ने अभी एक दिन पहले ही सीट शेयरिंग का मसला सुलझाया है. सूबे में लोकसभा की 40 सीटें हैं और बीजेपी 17, जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चिराग पासवान की पार्टी पांच, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियां एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी.
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महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एनडीए और इंडिया, दोनों ही गठबंधन अब तक सीट शेयरिंग का मसला नहीं सुलझा सके हैं. वहीं, विपक्षी ब्लॉक में जम्मू और कश्मीर की सीट शेयरिंग को लेकर भी पेच फंसा है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर मुंबई में इंडिया ब्लॉक ने शक्ति प्रदर्शन किया. इस रैली में मंच पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी नजर आए लेकिन सीटों को लेकर तस्वीर अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है.
मैदान में मोदी, इंडिया की धीमी चाल
चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के ठीक बाद से ही पीएम मोदी मैदान में उतर गए हैं. निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया और अगले ही दिन पीएम मोदी ने तमिलनाडु के पलनाडु में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. पीएम ने इसके अगले ही दिन तेलंगाना के जगतियाल में जनसभा की और इसके बाद कर्नाटक के शिवमोगा में भी रैली की. आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेंलंगाना और कर्नाटक के बाद पीएम के केरल पहुंचकर 19 मार्च को पलक्कड़ में रोड शो का भी कार्यक्रम है.
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पीएम मोदी और बीजेपी छोटे-छोटे पॉकेट पर फोकस कर रैलियां और रोड-शो कर रहे हैं. बीजेपी का फोकस जहां माइक्रो लेवल पर है, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी इंडिया ब्लॉक मॉस फोकस्ड. इंडिया ब्लॉक ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होने के बाद मुंबई में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन अवसर पर अलग-अलग राज्य, अलग-अलग दल के दिग्गजों को एक मंच पर लाकर शक्ति प्रदर्शन तो किया लेकिन इसका वोटर तक संदेश कितना और कैसा जाता है? यह देखने वाली बात होगी.