
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दल अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इस बीच महाराष्ट्र की प्रसिद्ध बारामती सीट को पर इस बार के लोकसभा चुनाव में परिवार वर्सेज परिवार मुकाबला होने के पूरे आसार हैं. शुक्रवार को राज्य के डिप्टी सीएम और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार ने सुप्रिया सुले का नाम लिए बगैर अपने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आने वाले समय में लोग आपके पास आएंगे और भावनात्मक मुद्दों पर आपसे वोट मांगेंगे. लेकिन यह आपको तय करना है कि आप भावनात्मक मुद्दों पर वोट देंगे या विकास के लिए.
सुनेत्रा बनाम सुप्रिया!
अजित पवार के भाषण से साफ हो गया कि एनसीपी बारामती से सुप्रिया सुले के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी. अब खबर है कि अजित पवार यहां से मौजूदा सांसद और अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं. अजित पवार द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान के बार बारामती में जगह-जगह उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को पोस्टर लगए गए हैं और प्रचार वाहन के जरिए भी उनका प्रचार किया जा रहा है.
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अजित पवार ने की थी अपील
बारामती को शरद पवार का गढ़ माना जाता है और यहां से एनसीपी हमेशा भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतती रही है. बारामती को लेकर अजित पवार ने वोटरों से कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम यहां से जो भी उम्मीदवार उतारें, आप उसे जिताएं...तभी मैं राज्य विधानसभा चुनाव में यहां से चुनाव लड़ूंगा. मेरे प्रति आपका उत्साह ईवीएम में झलकना चाहिए.' अब अजित पवार के बयान पर सुप्रिया सुले की भी प्रतिक्रिया आई है. सुप्रिया सुले ने कहा है कि यह एक लोकतंत्र है, यहां हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है.
पवार बोल- हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार
वहीं शरद पवार को भी अजित पवार के बारामती सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने में कुछ गलत नजर नहीं आ रहा है. शरद पवार ने कहा, 'चुनाव में खड़े रहने का हर किसी को अधिकार है .. अगर इस अधिकार का कोई उपयोग करना चाहता है तो उसके खिलाफ तकरार करने की जरूरत नहीं है .. हम अपनी भूमिका लोगों के सामने रखेंगे कि पिछले 55- 60 वर्षों से हमने बारामती में क्या किया है .. यह लोग जानते हैं .. लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार खड़ा करना और उनकी भूमिका लोगों तक पहुंचना उनका अधिकार है.'
वहीं शरद पवार वाली एनसीपी के नेता और विधायक रोहित पवार ने बारामती को लेकर दिए गए अजित पवार के बयान पर निराशा जाहिर की है. रोहित पवार ने कहा, 'मैंने नहीं सोचा था कि अजित पवार भावनात्मक चुनौती देंगे. अजित पवार द्वारा लिया गया फैसला जनता के साथ-साथ पवार परिवार को भी पसंद नहीं आया.'