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मंडी से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी प्रतिभा सिंह! बोलीं- मैंने आलाकमान को साफ कह दिया

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह मंडी से चुनाव नहीं लडेंगी. उन्होंने कहा कि पार्टी की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह मंडी से चुनाव लड़ सकें. संगठन में नाराजगी है और पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिय नही हैं. ऐसे में वह चुनाव नहीं लड़ेंगी.

प्रतिभा सिंह (File Photo) प्रतिभा सिंह (File Photo)
सतेंदर चौहान
  • शिमला,
  • 20 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

दिल्ली में लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस आलाकमान के साथ हुए मंथन के बाद हिमाचल कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शिमला लौट आईं. शिमला में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह मंडी से चुनाव नहीं लड़ेंगी. इसको लेकर आलाकमान को उन्होंने साफतौर से कह दिया है.

उन्होंने कहा की पार्टी की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह मंडी से चुनाव लड़ सकें. संगठन में नाराजगी है और पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिय नही हैं. ऐसे में वह चुनाव नहीं लड़ेंगी. प्रतिभा सिंह ने आगे कहा कि हमें दुख है हम राज्यसभा सीट नहीं जीत पाये, लेकिन अब हम लोकसभा चुनाव के लिए आज से मेहनत शुरू करेंगे और सभी सीटें जीतेंगे.

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देश ने देखा राज्यसभा चुनाव

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी हिमाचल के मसले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा,'हमने राज्यसभा सीट खो दी है. पूरा देश ने हिमाचल का राज्यसभा चुनाव देखा. हमने एक कोर्डिनेशन कमेटी बना दी है, जो सरकार और पार्टी के बीच में काम करेगी. हम यूनाइटेड हैं. हमारे पास पूरे नंबर हैं.'

कमेटी बनाएगी आपस में सहमति

इस दौरान भुपेंदर हुड्डा ने कहा कि हमने राज्य सभा सीट क्यों खोई है. इस पर चर्चा हुई है. हमने सबके मतभेद दूर किए हैं. अब लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी. कोऑर्डिनेशन कमेटी में सीएम, डिप्टी सीएम और दिल्ली से एक नाम दिया जाएगा. इनका काम आपस में सहमति बनाना होगा. कांग्रेस की सरकार 5 साल चलेगी और सुक्खू मुख्यमंत्री रहेंगे.

सुक्खू सरकार को कई खतरा नहीं!

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सरकार का ये संकट राज्यसभा चुनाव के दौरान हुआ. हिमाचल की एक सीट पर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बड़े चर्चे इसलिए हुए, क्योंकि कांग्रेस यहां बहुमत में है, जबकि बीजेपी के सिर्फ 25 विधायक ही थे. कांग्रेस के 6 विधायकों ने बगावत कर दी. इस तरह कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीयों विधायकों ने चुनाव से ऐन पहले खेमा बदल लिया और बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी. इसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार जीत गए और कांग्रेस हार गई. इसके बाद से ही सुक्खू सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे. इसके बाद से कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी है. पार्टी की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि सुक्खू सरकार को कोई खतरा नहीं है.

(इनपुट: विकास)

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