Advertisement

IAS परमपाल कौर के चुनाव लड़ने में फंसा 'नोटिस पीरियड' का पेच... पंजाब सरकार ने नहीं दी राहत, बठिंडा से BJP ने दिया है टिकट

परमपाल कौर सिद्धू IAS अधिकारी हैं. उन्होंने वीआरएस के लिए आदेवन किया था, जिसे भारत सरकार के कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग द्वारा स्वीकार कर लिया गया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें बठिंडा से अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाया. लेकिन पंजाब सरकार ने उन्हें तीन महीने के नोटिस पीरियड से राहत नहीं दी है.

आईएएस परमपाल कौर सिद्धू का वीआरएस आवेदन स्वीकार होने के बाद बीजेपी ने उन्हें बठिंडा से अपना प्रत्याशी बनाया था. (Photo: X/@BJP4India) आईएएस परमपाल कौर सिद्धू का वीआरएस आवेदन स्वीकार होने के बाद बीजेपी ने उन्हें बठिंडा से अपना प्रत्याशी बनाया था. (Photo: X/@BJP4India)
अमन भारद्वाज
  • बठिंडा ,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:46 AM IST

बठिंडा से भाजपा उम्मीदवार परमपाल कौर के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. पंजाब सरकार ने आईएएस अधिकारी परमपाल को तुरंत ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा है. राज्य सरकार की ओर से उन पर सेवानिवृत्ति के लिए झूठे कारण बताने का भी आरोप लगाया गया है, जबकि वह राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त थीं. परमपाल कौर सिद्धू, जो शिअद नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं, को लिखे पत्र में पंजाब कार्मिक विभाग ने कहा है कि नौकरी छोड़ने के लिए उनकी तीन महीने की नोटिस अवधि माफ नहीं की गई है. उन्होंने अभी तक नामांकन दाखिल नहीं किया है और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए बठिंडा संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग कार्यालय द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किया जा सकता है.

Advertisement

पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सेवा से उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया है. उन पर अनधिकृत तरीके से पीएसआईडीसी के एमडी के पद का प्रभार अपने पास रखने का भी आरोप लगाया गया है. परमपाल कौर करीब एक महीने से बठिंडा में चुनाव प्रचार कर रही हैं. पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 अप्रैल को दावा किया था कि केंद्र द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. इस पर परमपाल कौर ने दावा किया था कि भाजपा में शामिल होने से पहले 10 अप्रैल को भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने उनका वीआरएस मंजूर कर लिया था.

वीआरएस के लिए गलत कारण देने का आरोप

पंजाब कार्मिक विभाग की ओर से आईएएस परमपाल कौर सिद्धू को भेजे गए पत्र में कहा गया है, 'अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 ​​(2) में स्पष्ट रूप से लिखा है कि नोटिस अवधि में छूट केवल राज्य सरकार द्वारा दी जा सकती है, यदि वह वीआरएस आवेदनकर्ता द्वारा बताए गए कारणों से संतुष्ट है. आपका आवेदन राज्य सरकार के विचाराधीन था, लेकिन आपने सीधे भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव को दिनांक 07.04.2024 को पत्र लिखा, भले ही आप राज्य सरकार के अधीन कार्यरत थीं.'

Advertisement

पत्र में आगे लिखा गया है, 'आपने कहा था कि आपकी मां 81 वर्ष की हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है. आपके पिता और आपके छोटे भाई दोनों का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था. आपकी वृद्ध मां की देखभाल करने के लिए कोई उपलब्ध नहीं है, इसलिए आप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहती हैं. लेकिन आप पिछले एक महीने से राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त थीं और अब भी चुनाव प्रचार कर रही हैं.' पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पंजाब आईएएस अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है और 231 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले केवल 192 आईएएस अफसर हैं.'
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement