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'मुस्लिम आरक्षण की 4 जून के बाद होगी समीक्षा', UP के बाद अब आया राजस्थान सरकार का बयान

राजस्थान सरकार में मंत्री अविनाश गहलोत ने मंगलवार को कहा,'धर्म के आधार पर आरक्षण देना गलत है. इसलिए हम मुसलमानों को दिए गए ओबीसी रिजर्वेशन की समीक्षा करेंगे. राजस्थान में भी कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक मुसलमान की 14 कम्युनिटीज को OBC की लिस्ट में डाल दिया था.'

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • जयपुर,
  • 28 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

उत्तर प्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार भी मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की समीक्षा करने की तैयारी कर रही है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पहले ही यह बात कह चुके हैं और अब राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत ने भी 4 जून के बाद मुस्लिम आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है.

अविनाश गहलोत ने मंगलवार को कहा,'धर्म के आधार पर आरक्षण देना गलत है. इसलिए हम मुसलमानों को दिए गए ओबीसी रिजर्वेशन की समीक्षा करेंगे. राजस्थान में भी कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक मुसलमान की 14 कम्युनिटीज को OBC की लिस्ट में डाल दिया था. जिन 14 मुसलमान जातियों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया है. अगर ये गैर कानूनी तरीके से हुआ है तो 4 जून के बाद एक कमेटी बनाकर इसकी समीक्षा की जाएगी.'

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धर्म के आधार पर आरक्षण बर्दाश्त नहीं

इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में आरक्षण में मुस्लिम जातियों की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा था कि सरकार धर्म के आधार पर मिलने वाले आरक्षण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी.

मुस्लिम जातियों को लेकर होगी समीक्षा

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा था,'उत्तर प्रदेश में आरक्षण में मुस्लिम जातियों को लेकर समीक्षा होगी. यह देखा जाएगा कि उन्हें किस आधार पर ओबीसी की श्रेणी में रखा गया है. उत्तर प्रदेश की सरकार मुस्लिम आरक्षण की समीक्षा करेगी. धार्मिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और सरकार इसे 4 जून के बाद देखेगी.'

'मुस्लिमों को आरक्षण संविधान के खिलाफ'

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में लगातार आरक्षण का मुद्दा गूंज रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी विपक्षी गठबंधन पर मुस्लिमों को आरक्षण देने का आरोप लगा रही है तो वहीं विपक्षी दल भी इस मामले पर खुलकर सामने आ गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अपनी रैलियों में कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं. ये पहली बार नहीं है जब मुस्लिम आरक्षण चुनावी मुद्दा बना है. पिछले साल जब कर्नाटक और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी ये मुद्दा बना था. तब एक रैली में अमित शाह ने कहा था कि मुस्लिमों को आरक्षण संविधान के खिलाफ है.

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