
Rajasthan State Profile: राजस्थान में दूसरे चरण की 13 सीटों के लिए आज वोटिंग होगी. इन सीटों पर जहां बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है, वहीं कांग्रेस ने 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि एक डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर BAP उम्मीदवार राजकुमार रौत को समर्थन दिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से सात सीटों पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है, जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस के साथ मुकाबला टक्कर का है. इसके अलावा एक सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है.
राजस्थान में दूसरे चरण में जिन सीटों पर आज वोटिंग होनी है, उनमें टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर-जैसलमेर, जालौर-सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी और झालावाड़-बारां शामिल हैं. सियासी जानकारों का कहना है कि चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, झालावाड़, पाली और अजमेर में बीजेपी मजबूत दिखाई दे रही है. इसकी वजह ये कि इन सीटों पर 2019 के चुनावों में पार्टी को बंपर वोटों से जीत मिली थी. वहीं दूसरी वजह कांग्रेस की इन सीटों पर गुटबाजी की शिकार है.
किन सीटों पर कांटे का मुकाबला?
राजस्थान की जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला दिखाई दे रहा है, उनमें डूंगरपुर-बांसवाड़ा, कोटा-बूंदी, जोधपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और बाड़मेर-जैसलमेर शामिल हैं. डूंगरपुर-बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रौत मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. इसकी वजह ये है कि आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर रौत को कांग्रेस ने भी समर्थन किया है. उनका मुकाबला कांग्रेस से बीजेपी में आए पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया से है. वहीं कोटा-बूंदी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. यहां उनकी लड़ाई बीजेपी से कांग्रेस में आए प्रह्लाद गुंजाल से है.
जोधपुर में शेखावत और उचियारड़ा की टक्कर
जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत मैदान में हैं, उनकी लड़ाई करण सिंह उचियारड़ा से हैं. इसके अलावा टोंक-सवाई माधोपुर से बीजेपी ने वर्तमान सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया को टिकट दिया तो वहीं कांग्रेस ने सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले हरीश मीणा को उतारा, जिसके बाद यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया. बाड़मेर-जैसलमेर में मुकाबला त्रिकोणीय है, जहां बीजेपी की ओर से कैलाश चौधरी, कांग्रेस की ओर से उम्मेदराम बेनीवाल हैं तो वहीं रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय मैदान में हैं.
जालौर-सिरोही से वैभव गहलोत मैदान में
राजस्थान की जालौर-सिरोही सीट भी चर्चा में है क्योंकि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के लुंबाराम चौधरी से है. बीजेपी ने यहां से तीन बार के सांसद रहे देवजी मानसिंगराम पटेल का टिकट काटकर चौधरी को प्रत्याशी बनाया है.
राजस्थान में क्या हैं स्थानीय मुद्दे?
राज्य में अगर चुनावी मुद्दों की बीत करें तो एक ओर भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है. हाल ही में पीएम मोदी ने जहां कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो महिलाओं के मंगलसूत्र तक छीन लेगी. इसके अलावा बीजेपी केंद्र सरकार की नीतियों, विश्व में बढ़े भारत का मान, अर्थव्यवस्था, आतंकवाद पर लगाम, अयोध्या में राम मंदिर और कश्मीर से धारा 370 हटाने को मुद्दा बना रही है. हालांकि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की ओर से कोशिश की गई कि चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर लाया जाए. कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार पानी की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी, बीजेपी की ओर से किए गए वादों को पूरा न करने की बात उठाई गई.
2019 में क्या रहे थे नतीजे?
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 24 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें से एक नागौर सीट हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने जीती थी, जोकि उस समय एनडीए का ही हिस्सा थी. बाद में कृषि कानूनों के विरोध में बेनीवाल ने एनडीए से रिश्ता तोड़ लिया था. इन चुनावों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था. वहीं 2014 की बात करें तो उन चुनावों में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी. वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को करीब 59 फीसदी तो वहीं कांग्रेस को 34.24 फीसदी वोट मिले थे.