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'मछली, सुअर या हाथी-घोड़ा खाओ, लेकिन...', जमुई में राजनाथ सिंह का तेजस्वी यादव पर हमला

राजनाथ सिंह एनडीए कैंडिडेट और एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती के समर्थन में रैली करने के लिए जमुई गए थे. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि आप नवरात्रि में मछली खा रहे हैं, आप क्या संदेश देना चाहते हैं.

राजनाथ सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा (File photos: PTI) राजनाथ सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा (File photos: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:56 AM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की नवरात्रि के दौरान मछली खाने और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर जमकर आलोचना की. बिहार के जमुई में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने आप कुछ भी खा सकते हैं. मछली, सुअर, घोड़ा या हाथी, लेकिन आपने इसका दिखावा करके उन लोगों की संवेदनाओं को क्यों आहत किया, जब लोग तपस्या कर रहे हैं.

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राजनाथ सिंह एनडीए कैंडिडेट और एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती के समर्थन में रैली करने के लिए जमुई गए थे. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि आप नवरात्रि में मछली खा रहे हैं, आप क्या संदेश देना चाहते हैं, आप जो चाहें, खा सकतें हैं लेकिन इसे दिखाने की क्या ज़रूरत है, यह केवल वोटों के तुष्टिकरण की राजनीति के लिए है. मुझे लगता है कि एक विशेष धर्म के लोग इस वजह से उन्हें वोट देंगे. राजनाथ ने कहा कि लालू जी, मैं आपसे ऐसे लोगों को संभालने का अनुरोध करता हूं.

दरअसल, राजनाथ सिंह ने तेजस्वी यादव के उस हालिया वीडियो पर कटाक्ष किया, जिसमें वह मछली खाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को नवरात्रि शुरू होने के बाद शेयर किया गया था. हालांकि वीडियो शेयर होने के बाद काफी हंगामा हुआ. इसके बाद तेजस्वी ने दावा किया कि ये वीडियो नवरात्रि से पहले शूट किया गया था और वह अपने विरोधियों के कम आईक्यू को उजागर करने में सफल हुए.

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हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई दिग्गजों ने विपक्षी नेताओं पर 'मुगल मानसिकता' का प्रदर्शन करने और नवरात्रि के दौरान मांसाहारी भोजन करके देश के लोगों को "चिढ़ाने" का आरोप लगाया है. किसी का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने उधमपुर में चुनावी रैली में कहा था कि व्यक्तियों को अपनी आहार संबंधी प्राथमिकताएं चुनने की आजादी है, लेकिन उनके कार्यों के पीछे विपक्षी नेताओं की मंशा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा था कि क़ानून किसी को कुछ भी खाने से नहीं रोकता है. सभी जब चाहें शाकाहारी और मांसाहारी भोजन करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इन नेताओं का मकसद अलग था. 

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