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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का "नाम बदलने" पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भारत ने भी इसी तरह के प्रयास किए, तो क्या इसका मतलब यह होगा कि चीन के वे इलाके "हमारे क्षेत्र का हिस्सा" बन गए हैं.
मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं चीन से पूछना चाहता हूं कि अगर हम पड़ोसी देश के विभिन्न राज्यों के नाम बदल देंगे, तो क्या वे हमारे क्षेत्र का हिस्सा बन जाएंगे? ऐसी हरकतों के कारण भारत और चीन के संबंध खराब हो रहे हैं.”
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नहीं बदलेगी जमीनी हकीकत
पिछले हफ्ते चीन ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की एक सूची जारी की थी. पहले भी चीन पूर्वोत्तर राज्य पर अपना दावा जताने के लिए इसी तरह की कोशिशें कर चुका है.राजनाथ सिंह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.
उचित जवाब देने की क्षमता रखता है भारत
रक्षा मंत्री ने कहा, "हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं. लेकिन अगर कोई हमारे आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो भारत उचित जवाब देने की क्षमता रखता है." उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है.इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को खारिज कर दिया था और कहा था कि राज्य 'भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.'
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आपको बता दें कि चीन ने कुछ दिन पहले ही नापाक हरकत करते हुए अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों पर अपना दावा किया था और कई भारतीय इलाकों के नाम बदल दिए थे.चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तथाकथित 'मानकीकृत' भौगोलिक नामों की एक सूची जारी की. चीन ने जिन 30 स्थानों का नाम बदला उनमें 12 पहाड़, चार नदियां, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा, 11 आवासीय क्षेत्र और जमीन का एक टुकड़ा शामिल है. चीन ने इन नामों को चीनी अक्षरों में लिखा है.