
कर्नाटक में कांग्रेस को झटका देते हुए पार्टी के पांच विधायकों (विधानसभा सदस्य) और दो एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) ने टिकट विवाद पर इस्तीफा देने की धमकी दी है. विधायकों ने कहा कि वे 'एक परिवार की गुलामी' नहीं कर सकते. उन्होंने पार्टी पर परिवार के भीतर टिकट बांटने का आरोप लगाया है. यह घटनाक्रम तब हुआ जब पार्टी ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के एक रिश्तेदार को कोलार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दे दिया.
टिकट बंटवारे पर असंतोष जताते हुए विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान को विधानसभा अध्यक्ष से मिलने और इस्तीफा देने की धमकी दी है. पांच विधायकों में मौजूदा मंत्री एमसी सुधाकर भी शामिल हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पार्टी आलाकमान ने उनकी बातें सुनी लेकिन मांगों पर ध्यान नहीं दिया. कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 21 मार्च को कर्नाटक के 17 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची की जारी की थी. पार्टी ने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद और 5 अन्य मंत्रियों के बच्चों को टिकट दिया है. पार्टी ने कर्नाटक के लिए पहली लिस्ट 8 मार्च को जारी की थी.
कांग्रेस की लिस्ट में 14 उम्मीदवार वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार
इससे पहले, केएच मुनियप्पा ने कहा था कि वह चाहते हैं कि कोलार का टिकट उनके परिवार के किसी सदस्य को दिया जाए, जबकि इस क्षेत्र के नेताओं का एक वर्ग पूर्व राज्यसभा सदस्य एल हनुमंतैया का समर्थन कर रहा था. कांग्रेस ने कर्नाटक के लिए जिन उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें कम से कम 14 उम्मीदवार वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार हैं. बागलकोट और दावणगे सीटों पर असंतुष्ट नेताओं ने घोषणा की है कि वे पार्टी का समर्थन करेंगे लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि वे उम्मीदवार चयन प्रक्रिया से नाराज हैं.
पार्टी नेताओं ने दावा किया कि जिन मंत्रियों के बच्चों को टिकट मिला उनमें से कुछ का नाम लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट में भी नहीं था. एक कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मंत्रियों के बच्चों को आम पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य उम्मीदवारों की तुलना में केवल धन और बाहुबल के कारण ही महत्व दिया गया है. कांग्रेस ने सिर्फ 10 सीटों पर बिना किसी राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है.
पांच वर्तमान मंत्रियों के बेटे-बेटी-पत्नी को कांग्रेस का टिकट
खान एवं भूविज्ञान मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी प्रभा मल्लिकार्जुन को दावणगेरे से कांग्रेस ने टिकट दिया है. गन्ना और कपड़ा मंत्री शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल को बागलकोट से मैदान में उतारा गया है. महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणा हेब्बालकर बेलगावी से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके भाई चन्नराज हट्टिहोली कांग्रेस एमएलसी हैं. लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को चिक्कोडी से मैदान में उतारा गया है, जबकि परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी और पूर्व विधायक सौम्या रेड्डी बेंगलुरु दक्षिण से चुनाव लड़ रही हैं. वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे को बीदर से मैदान में उतारा गया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद को गुलबर्गा से मिला है टिकट
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन गीता शिवराजकुमार, शिमोगा सीट से चुनाव लड़ेंगी. हावेरी-गडग सीट पर पार्टी ने आनंदस्वामी गद्दादेवरमठ को टिकट दिया है, जो शिराट्टी के पूर्व विधायक जीएस गद्दादेवरामठ के बेटे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को गुलबर्गा से टिकट दिया गया है. कांग्रेस विधायक राघवेंद्र हितनाल के भाई राजशेखर हितनाल को कोप्पल सीट से मैदान में उतारा गया है. कांग्रेस विधायक शरत बचेगौड़ा के रिश्तेदार वेंकटरामेगौड़ा मांड्या से पार्टी के उम्मीदवार हैं. हासन के उम्मीदवार श्रेयस पटेल पूर्व मंत्री पुट्टस्वामीगौड़ा के पोते हैं. कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा.
बीजेपी के आरोप, सिद्धारमैया ने क्या कहा?
विधानसभा में नेता विपक्ष और बीजेपी विधायक आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई देखने को मिल रही है. मंत्रियों को इस्तीफा देने दीजिए. उन्होंने कहा कि पिछली बार भी कोलार में दो गुटों में मारपीट हुई थी. कांग्रेस में पारिवारिक टिकटों की भरमार है.
वहीं, इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पार्टी में असंतोष की बात मानी है. उन्होंने कहा कि अभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मतभेद तो हैं और यहां (कोलार) लड़ाई अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को टिकट दिए जाने की है.