
लोकसभा चुनाव करीब आ गया है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनावी मोड में आ चुकी है. बीजेपी ने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से चुनावी बिगुल फूंकने जा रहे हैं और एनडीए को हराने के लिए जोर-शोर से अस्तित्व में आए विपक्षी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर ही घमासान मचा हुआ है.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह ऐलान कर दिया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा है कि सूबे की सभी 13 सीटें आम आदमी पार्टी ही जीतेगी. पिछले 24 घंटे से इंडिया गठबंधन में मचे सियासी घमासान को लेकर अब लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता मनोज झा का दर्द सामने आया है.
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आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि सीट शेयरिंग पर जो हो रहा है, उससे सबसे ज्यादा दर्द हमको हो रहा है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह स्वस्थ संकेत नहीं माना जा सकता. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इंडिया गठबंधन में मचे घमासान से खुद को हो रहे दुख की वजह भी बताई.
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन पटना में हुआ है, इसलिए अगर इसकी नींव कमजोर होती है तो हमें दुख होगा. मनोज झा ने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि आंतरिक मतभेद जितनी जल्दी हो सके, सुलझा लिए जाने चाहिए. गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों और कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक पर बैठक के बावजूद कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं निकल सका है.
इंडिया गठबंधन की नींव रखने में अहम भूमिका निभाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक जल्द सीट शेयरिंग की वकालत करते रहे हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस को दो सीटें देने का ऑफर दिया था. ममता बनर्जी ने बंगाल में दो सीट की रेड लाइन खींच रखी थी तो वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी भी सत्ताधारी होने के नाते बड़े भाई की भूमिका चाहती है.
यूपी में सपा 65 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है तो वहीं जेडीयू भी पहले ही साफ कर चुकी है कि उसकी सीटिंग सीटों को लेकर बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता. 17 सीटों से कम पर बात नहीं होगी. जेडीयू सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से सीधी बातचीत से परहेज कर रही है. बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू और कांग्रेस, दोनों ही दलों के साथ बातचीत की जिम्मेदारी आरजेडी की है और लालू यादव की पार्टी की ओर से दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत मनोज झा ही कर रहे हैं.