
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हराने के लिए बड़े जोर-शोर के साथ अस्तित्व में आए इंडिया गठबंधन को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद विपक्षी गठबंधन को अब लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) भी एकला चलो की राह पर बढ़ती नजर आ रही है. सपा सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर जारी बातचीत टूट गई है.
सूत्रों का कहना है कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों की बातचीत टूट गई है और अब प्रदेश में दोनों दलों का गठबंधन नहीं होगा. गठबंधन के लिए बातचीत टूटने के पीछे तीन लोकसभा सीटों के पेच को प्रमुख वजह बताया जा रहा है. सपा सूत्रों के मुताबिक कल देर रात तक चली बातचीत में भी जब कोई नतीजा नहीं निकला तब पार्टी ने बातचीत का सिलसिला यहीं रोकने का फैसला कर लिया. सपा सूत्रों ने यह भी दावा किया कि अब राहुल गांधी से अखिलेश यादव की भी कोई मुलाकात नहीं होगी.
सपा सूत्रों से बातचीत टूटने की जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के बयान के ठीक बाद आई है. जयराम रमेश ने दावा किया था कि सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि सपा और कांग्रेस, दोनों ही दल गठबंधन को लेकर सकारात्मक हैं और सकारात्मक माहौल में बातचीत चल रही है. उन्होंने सीटों का पेच जल्द सुलझा लिए जाने का दावा करते हुए कहा था कि गठबंधन तो लेन और देन का सवाल होता है.
गौरतलब है कि सपा ने एक दिन पहले ही कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों का फाइनल ऑफर दिया था. सपा ने दो टूक कह दिया था कि अब इससे अधिक सीटें हम कांग्रेस को नहीं दे सकते. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही यह भी कहा था कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में तभी शामिल होंगे जब गठबंधन फाइनल हो जाएगा. सपा प्रमुख अखिलेश के इस बयान को कांग्रेस के लिए रेड लाइन की तरह देखा जा रहा था.
इन तीन सीटों पर फंसा पेच
सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत में पेच तीन सीटों को लेकर फंस गया. कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के लिए बलिया की सीट चाहती थी. ग्रैंड ओल्ड पार्टी मुरादाबाद और बिजनौर सीट पर भी दावा कर रही थी. मुरादाबाद सीट अभी सपा के कब्जे में है और सपा अपनी सीटिंग सीट समेत इनमें से कोई भी सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई.
सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत ऐसे समय में टूटी है, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में ही हैं. राहुल गांधी मणिपुर से मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं. राहुल की इस यात्रा के लिए कांग्रेस ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी न्योता भेजा था. खुद अखिलेश ने 15 दिन पहले ही यात्रा में शामिल होने की पुष्टि की थी.
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माना जा रहा था कि अखिलेश यादव रायबरेली या अमेठी में राहुल गांधी की इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं. राहुल की यात्रा जिस दिन अमेठी में थी, अखिलेश ने दो टूक कह दिया कि जब तक गठबंधन फाइनल नहीं हो जाता तब तक वह इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे. अब, सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत टूटने के बाद यह भी साफ हो गया है कि अखिलेश, राहुल की यात्रा में साथ नजर नहीं आएंगे.