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'धनंजय सिंह उत्तर भारत का सबसे बड़ा डॉन', जमानत मिलने पर भड़के सपा विधायक अभय सिंह

जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक अभय सिंह ने उन्हें उत्तर भारत का सबसे बड़ा डॉन बताया है. अपहरण और जबरन वसूली के मामले में 7 साल जेल की सजा काट रहे धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिली है लेकिन वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

अभय सिंह ने धनंजय सिंह को बताया डॉन अभय सिंह ने धनंजय सिंह को बताया डॉन
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 29 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:31 AM IST

समाजवादी पार्टी के विधायक अभय सिंह ने पूर्व सांसद और जेल में बंद बाहुबली धनंजय सिंह को डॉन बताया है. अभय सिंह ने कहा कि धनंजय सिंह आज की तारीख में उत्तर भारत का सबसे बड़ा डॉन है. इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान, पंजाब, यूपी, में उससे बड़ा डॉन कोई नहीं है. उसे किसी से खतरा नहीं है बल्कि उससे सबको खतरा है.

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मुझ पर धनंजय सिंह ने कराया था हमला: अभय सिंह

समाजवादी पार्टी के नेता अभय सिंह ने धनंजय सिंह के इशारे पर हमला कराने का आरोप लगाया था. अभय सिंह ने कहा था कि उन्हीं के इशारे पर लॉरेंस बिश्नोई ने मुझ पर हमला किया था.

बता दें कि धनंजय सिंह के कारनामों को देखते हुए साल 2018 में एक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसे आदमी के जेल से बाहर रहने का कोई औचित्य नहीं है और राज्य सरकार को इसका बेल कैंसिल करवाकर उसे जेल में डालना चाहिए. इसके बाद धनंजय सिंह के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए थे.

केंद्र सरकार ने अभय सिंह को दी है Y श्रेणी की सुरक्षा

बता दें कि अभय सिंह समाजवादी पार्टी से विधायक हैं लेकिन बीते दिनों राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की थी जिसकी खूब चर्चा हुई थी. इसी के बाद उन पर संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी. गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी है.

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बरेली जेल में बंद हैं धनंजय सिंह

जौनपुर से पूर्व सांसद रहे धनंजय सिंह अभी बरेली के सेंट्रल जेल में बंद हैं. अपहरण और जबरन वसूली के मामले में उन्हें निचली अदालत से मिली 7 साल की सजा के मामले में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. धनंजय सिंह सोमवार या मंगलवार को जेल से बाहर आ सकते हैं.

हालांकि सजा जारी रहने की वजह से वो इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि कोर्ट से उन्हें जमानत मिली है लेकिन उनकी सजा बरकरार है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उन्हें फौरी राहत जरूरत दी है लेकिन सात साल की सजा पर रोक लगाने से किया इनकार कर दिया है.

कोर्ट ने इस मामले में क्रिमिनल अपील पर बहस पूरी होने के बाद 25 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है.

 

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