
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मंगलवार को आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने आजतक से बात की. उन्होंने कहा कि गठबंधन के तहत दिल्ली में सात लोकसभा सीटों में से 6 लोकसभा सीटों पर खुद आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने और एक सीट से कांग्रेस को चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा में जीरो सीट पर है. एमसीडी चुनाव में कांग्रेस 250 में से नौ सीटें जीत सकी. संदीप पाठक ने कहा कि अगर आप मेरिट के आधार पर आंकड़े देखें तो कांग्रेस पार्टी का एक भी लोकसभा सीट पर दावा नहीं बनता.
उन्होंने कहा कि सिर्फ डेटा महत्वपूर्ण नहीं है. गठबंधन धर्म का पालन करते हुए, कांग्रेस का मान रखते हुए हम उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए एक सीट ऑफर करते हैं. हमारा यह प्रस्ताव है कि कांग्रेस पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़े और 6 सीट पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़े. संदीप पाठक ने कहा कि हम आज दिल्ली के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि बातचीत का जल्द निष्कर्ष निकले और हम सब चुनाव के काम में लगें. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अगर कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो अगले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी और ग्राउंड पर अपना काम शुरू कर देगी. संदीप पाठक से बातचीत के प्रमुख अंश...
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इंडिया गठबंधन के तहत सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस के सामने जो आम आदमी पार्टी ने प्रस्ताव रखा था, क्या वह प्रस्ताव भी 6 AAP और 1 कांग्रेस का ही था?
जवाब: प्रस्ताव बिल्कुल सेम है. कांग्रेस की तरफ से अलग अलग मांग आई थी. लेकिन उन पर अगर बातचीत होती तभी कोई निर्णय हो पाता. हमारी तरफ से कांग्रेस को यही ऑफर(6:1) दिया गया था. बातचीत से ही निकल सकता है लेकिन जो मीटिंग कई महीने पहले हो जानी चाहिए थी, हम उस मीटिंग का इंतजार कर रहे थे.
दिल्ली में उम्मीदवार घोषित करने के लिए क्या आम आदमी पार्टी ने कोई डेडलाइन तय की है?
जवाब: हम चार-पांच दिन तक इंतजार करेंगे और उसके बाद स्थिति का आकलन करेंगे. हमारा मकसद देरी करना नहीं बल्कि सार्थक तरीके से अंजाम तक पहुंचना है.
आम आदमी पार्टी कौन सी सीट कांग्रेस को ऑफर कर रही है?
जवाबः इसकी जानकारी आपको बाद में दी जाएगी.
6 सीट पर दावे के पीछे क्या आधार है?
जवाब: लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव और एमसीडी का चुनाव के आधार पर यह फॉर्मूला तय किया गया है. जिस तकनीकी आधार पर कांग्रेस पार्टी बाकी राज्यों में आम आदमी पार्टी को सीट देने की बात कर रही है, वहीं रूल सभी के लिए लागू होगा. उस परिप्रेक्ष्य में दिल्ली में कांग्रेस कहीं नहीं है. यह हम नहीं, डेटा कह रहा है. हमारा उद्देश्य किसी को दुख पहुंचाना नहीं है, हमें यह सब कहते हुए अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन सबसे इंपोर्टेंट चुनाव लड़ना और जीतना है.
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पैन इंडिया में आम आदमी पार्टी ने गठबंधन के तहत कितनी सीटों की मांग की थी?
जवाब: हम पूरी तरह से धरातल पर हैं. हम प्रैक्टिकल और साइंटिफिक तरीके से काम करते हैं. जिस-जिस सीट पर हम जीतने की काबिलियत रखते हैं, वही मांग रहे हैं. जहां आम आदमी पार्टी का संगठन मजबूत है और जहां आम आदमी पार्टी की जीत हो सकती है, सिर्फ उन्हीं सीटों की मांग हम कर रहे हैं.
हरियाणा और चंडीगढ़ को लेकर आम आदमी पार्टी का क्या रुख है?
जवाबः गठबंधन के तहत हरियाणा और चंडीगढ़ की सीट को लेकर अभी बातचीत चल रही है. हम चाहते हैं कि हरियाणा और चंडीगढ़ को लेकर बैठकर बातचीत करें और एक निष्कर्ष निकाला जाए. चुनाव के लिए बहुत कम समय बाकी रह गया है. जब सारा समय इसी में निकल जाएगा तब जीतना तो बहुत दूर की बात है, हम चुनाव लड़ भी नहीं पाएंगे.
क्या इंडिया गठबंधन अब फेल हो गया है?
जवाबः यह आकलन करना मेरा काम नहीं है. आम आदमी पार्टी पूरी लगन और ईमानदारी के साथ इस गठबंधन के साथ है. गठबंधन को सफल बनाने के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा, आम आदमी पार्टी वह करेगी. आम आदमी पार्टी त्याग करने के लिए तैयार है लेकिन आप मेहनत नहीं करोगे तो फिर उद्देश्य कितना भी महान हो, उसका परिणाम नहीं निकल पाएगा.