
पूरा देश 4 जून के इंतजार में हैं. क्योंकि इस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे. सत्ता के शिखर पर कौन पहुंचेगा और किसका सपना चकनाचूर होगा, इसका पता मंगलवार (4 जून) को ही चलेगा. लेकिन इससे पहले इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. इसमें NDA को 361-401 सीटें तो इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि 8 से 20 सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं. बिहार की बात करें तो सूबे में एनडीए गठबंधन को 29-33 सीटें, इंडिया ब्लॉक को 7-10 सीटें और अन्य को 0-2 सीटें मिल सकती हैं.
एग्जिट पोल के मुताबिक कई सीटें ऐसी हैं जो हॉट सीट बनी हुई हैं. इसमें बिहार की सारण लोकसभा सीट भी शामिल है. इस सीट से बीजेपी ने राजीव प्रताप रूडी तो आरजेडी ने रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है.
एग्जिट पोल के मुताबिक आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की विरासत कही जाने वाली इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को बढ़त मिलती नजर आ रही है. अगर ये सीट रूडी के खाते में आती है तो वह लगातार तीसरी बार इस सीट से जीतेंगे.
बता दें कि 2008 में बनीं इस सीट पर 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी. चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी और 2014 के लोकसभा चुनाव में राबड़ी देवी ने इस सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन राजीव प्रताप रूडी ने 2014 में राबड़ी देवी को हराकर ये सीट आरजेडी से सीट छीन ली थी. उन्होंने 2019 में भी आरजेडी के चंद्रिका राय के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए सारण सीट बरकरार रखी. इस सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोटिंग हुई थी.
बता दें कि सारण परंपरागत रूप से यादवों का गढ़ रहा है, जहां यादव समुदाय सबसे बड़ा है. सारण जिले की 10 विधानसभा सीटों में से सात सीटें पिछले चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस 'महागठबंधन' के खाते में गई थीं. जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सारण निर्वाचन क्षेत्र का 2008 के परिसीमन से पहले छपरा नाम था. लालू यादव यहां से 4 बार सांसद चुने गए हैं.