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'मैं पहले हूं बिहारी और बिहारी बहू', विदेशी कहने वालों को लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने दिया जवाब

सारण से चुनाव लड़ रहीं लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने विदेशी बताने वालों को जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि वो पहले बिहारी हैं और बिहारी बहू हैं. अब वो छपरा की बेटी हैं. यहां के लोग मेरे भाई बहन और माता पिता हैं.  

रोहिणी आचार्य ने खुद को बताया बिहारी रोहिणी आचार्य ने खुद को बताया बिहारी
आलोक कुमार जायसवाल
  • सारण,
  • 18 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

बिहार की सारण लोकसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार रोहिणी आचार्य को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विदेशी बताया था. उन्होंने कहा था कि लालू यादव ने अपनी बेटी को सिंगापुर से लाकर सारण से टिकट दे दिया है. बीजेपी नेता की ओर से लगाए आरोपों का रोहिणी आचार्य ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि वो बिहारी हैं और बिहारी बहू हैं. अब वो छपरा की बेटी भी हैं. 

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छपरा शहर में आरजेडी जिला कार्यालय पर आयोजित महागठबंधन कार्यकर्ता सम्मेलन में रोहिणी आचार्य ने कहा कि लोगों को शर्म नहीं आती है जो मुझे विदेशी कहते हैं. मैं पहले बिहारी हूं, बिहारी बहू हूं और अब छपरा की बेटी हूं. यहां के लोग मेरे भाई बहन और माता पिता हैं.  

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पिता को किडनी देने का भी किया जिक्र 

रोहिणी ने अपने पिता लालू यादव को किडनी देने का भी जिक्र किया है. आरजेडी प्रत्याशी ने कहा कि मैंने अपनी किडनी देकर एक बेटी का फर्ज भी निभाया है. मैं अपना सर्वस्व न्यौछावर करने आप लोगों के बीच आई हूं. मैं आप लोगों की ताकत बनने आई हूं. आप लोग अपनी इस बेटी पर भरोसा कीजिए. ये बेटी उदाहरण होगी. सारण उदाहरण होगा. आप लोगों को गर्व होगा कि बेटी सांसद हो तो रोहिणी आचार्य जैसी. मैं महिलाओं को स्मार्ट बनाना चाहती हूं. जब महिला स्मार्ट होगी तो गांव स्मार्ट होगा, गांव स्मार्ट होगा तो शहर भी स्मार्ट होगा. रोहिणी आज पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से अपना भाषण दे रही थी.  

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'मैं तो अमनौर में रहता हूं, लेकिन मेरी प्रतिद्वंदी का पता क्या है', राजीव प्रताप रूडी का रोहिणी पर निशाना

राजीव प्रताप रूढ़ी ने भी लगाए थे आरोप 

इससे पहले सारण से बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने भी लालू परिवार पर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि आरजेडी में सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों को ही टिकट दिया जाता है. उनके पास कोई कार्यकर्ता ही नहीं है, जिसे टिकट दिया जा सके. रूडी ने भी रोहिणी का नाम लिए बिना कहा था कि मैं तो लगातार क्षेत्र से ही चुनाव लड़ता रहा हूं. हारा भी हूं, जीता भी हूं. हारने और जीतने के बाद भी मेरा पता यही अमनौर रहता है. लेकिन, मेरे प्रतिद्वंद्वी का पता क्या है?  

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