
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब के लिए उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी की है उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से टिकट दिया गया है. मनीष तिवारी को टिकट मिलने के बाद स्थानीय कांग्रेस में उथल-पुथल मची हुई है. चंडीगढ़ की महिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है, वे पवन बंसल के करीबी माने जाते हैं.
यह कदम उस दिन उठाया गया जब कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय का दौरा किया. तिवारी और बंसल दोनों ने ही चंडीगढ़ लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की थी. हालाँकि, पार्टी ने बंसल की जगह तिवारी को चुना.
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के पोस्ट से बवाल
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाली दीपा दुबे ने चंडीगढ़ इकाई प्रमुख लकी पर बंसल का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि लकी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया था जिसमें लिखा था, "पवन बंसल के साथ हो गया खेल, मनीष तिवारी को मिली टिकट."
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बंसल समर्थकों का आरोप
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट डालकर लकी पर बंसल का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "हमने इस्तीफा दे दिया है और हम चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष पद से लकी के इस्तीफे की मांग करते हैं." हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चंडीगढ़ लोकसभा सीट से तिवारी की उम्मीदवारी के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है बल्कि केवल अपने पदों से इस्तीफा दिया है.
इस्तीफा देने वालों में कुछ ब्लॉक स्तर के नेता और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं. लकी ने कहा कि उनका इंस्टाग्राम हैंडल विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों द्वारा संचालित किया जाता है. उन्होंने कहा, अगर उन्होंने कोई पोस्ट लाइक किया है तो यह जानबूझकर नहीं किया गया है. लकी ने कहा, "मैं बंसल जी का बहुत सम्मान करता हूं. वह एक अनुभवी नेता हैं." पूर्व सांसद बंसल चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट की कोशिश कर रहे थे.
तिवारी ने खारिज किया बाहरी होने का आरोप
इस बीच, चंडीगढ़ सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित होने के बाद सोमवार को जब तिवारी यहां कांग्रेस भवन पहुंचे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किय.। उनका स्वागत करते हुए लकी ने कहा कि तिवारी की जड़ें स्थानीय हैं. उन्होंने कहा कि तिवारी की छवि साफ-सुथरी है और वह चंडीगढ़ से जुड़े मुद्दे संसद में उठाते रहे हैं. उनके 'बाहरी' होने के भाजपा के दावे को खारिज करते हुए लकी ने कहा कि तिवारी का जन्म और पालन-पोषण चंडीगढ़ में हुआ और उन्होंने अपनी शिक्षा केंद्र शासित प्रदेश से की.
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अपने माता-पिता को किया याद
मनीष तिवारी चंडीगढ़ में रह रहे हैं, हालांकि वह पंजाब के लुधियाना और आनंदपुर साहिब से सांसद रहे हैं. सभा को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि वह लोगों से मिलेंगे और चंडीगढ़ को और अधिक जीवंत और सुंदर बनाने के लिए अपने विचार और योजनाएं साझा करेंगे. अपनी जड़ों को याद करते हुए, तिवारी ने कहा कि उनके दिवंगत पिता वीएन तिवारी पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और 1984 में जब वह सिर्फ 18 साल के थे, तब आतंकवादियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.
उनकी मां अमृत तिवारी ने पीजीआईएमईआर में डीन और बाद में नगर निगम चंडीगढ़ में नामांकित पार्षद के रूप में कार्य किया था. तिवारी ने कहा कि वह चंडीगढ़ के मुद्दों को जानते हैं और लोगों के सहयोग से उन्हें हल करने के इच्छुक हैं. बीजेपी ने चंडीगढ़ सीट से संजय टंडन को मैदान में उतारा है.