
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य जल्द कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बसपा का दामन थाम सकते हैं, अगर ऐसा नहीं होता है तो मायावती की पार्टी के साथ उनका गठबंधन भी हो सकता है. बीएसपी अपने पुराने नेताओं की वापसी को लेकर काफी सॉफ्ट कॉर्नर रख रही है. सूत्रों के मुताबिक आखिरी चरण के चुनाव से पहले इस पर फैसला हो सकता है और मौर्य खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले सपा, भाजपा और बसपा में रह चुके हैं. एक बार फिर उनके बसपा में जाने की खबर है. सपा छोड़ने के बाद मौर्य ने अपनी पार्टी बना ली थी. स्वामी प्रसाद मौर्य को पिछले दिनों अपने विवादित बयान को लेकर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. भगवान राम पर दिए बयान को लेकर मौर्य को ट्रोल किया गया था. रामचरितमानस के कुछ हिस्सों को लेकर उन्होंने टिप्पणी की थी.
मौर्य पर फेंका गया जूता
स्वामी प्रसाद मौर्य पर शुक्रवार को युवक ने जूता फेंक दिया. पार्टी के प्रत्याशी होतम सिंह निषाद के पक्ष में स्वामी प्रसाद मौर्य सभा को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच भीड़ से उठकर आए युवक ने स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर जूता उछाला. इसके ठीक बाद, थाना पुलिस ने युवक को दौड़कर पकड़ा और हिरासत में ले लिया. बता दें कि, थाना डौकी क्षेत्र के माता सती मंदिर पर पार्टी अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, सभा को संबोधित कर रहे थे.
स्वामी प्रसाद मौर्य बीते महीने से लगातार मुश्किलों में ही हैं. बीते दिनों उन्हें कोर्ट से झटका लगा है. बीते 22 अप्रैल को कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया था. उनके खिलाफ बेटी संघमित्रा के बिना तलाक दूसरी शादी करने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिसे कैंसिल करने के लिए स्वामी प्रसाद ने कोर्ट में अपील की थी.
जानकारी के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या ने कथित रूप से बिना तलाक दूसरी शादी की थी. जिसके बाद उन पर मारपीट और गाली-गलौज के साथ जानमाल की धमकी देने और साजिश रचने का आरोप था. स्वामी प्रसाद के खिलाफ जो आरोप है उन पर ट्रायल कोर्ट में विचार हो सकता है. इसी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्वामी प्रसाद की याचिका खारिज कर दी थी.