
भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं से स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या का टिकट काट दिया है. बीजेपी ने उनकी जगह इस बार दुर्विजय शाक्य को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में सीएम योगी मंगलवार को 'प्रबुद्ध सम्मेलन' को संबोधित करने पहुंचे थे, लेकिन उनके मंच पर पहुंचने से पहले ही संघमित्रा का आंसू पोंछते हुए वीडियो वायरल हो गया. इसको लेकर अब उन्होंने सफाई दी है.
संघमित्रा ने कहा कि राजा दशरथ की मार्मिक कहानी सुनकर भावुक हो गई थीं. उन्होंने कहा, "हमारे बगल में प्रदेश की मंत्री गुलाबो देवी बैठी हुई थीं. उस वक्त कार्यक्रम नहीं चल रहा था तो वह राजा दशरथ की एक कहानी सुना रही थीं और वह कहानी भावुक और मार्मिक थी. निश्चित तौर पर महिला होने के नाते भावुक होना स्वाभाविक सा विषय है. सिर्फ उस कहानी की वजह से ही आंखें नम हुईं थीं. संघमित्रा मौर्या कोई कमजोर नहीं बल्कि बहादुर महिला है. इस देश की आधी आबादी का नेतृत्व करने वाली महिला है तो इतनी छोटी-छोटी चीजों पर उसकी आंखें नम होना या भावुक होना उसके ऊपर कतई शोभा नहीं देता है."
पार्टी में कोई दिक्कत नहीं: संघमित्रा
जब उनसे पूछा गया कि क्या टिकट कटने की वजह से वह भावुक हुई थीं तो इस पर संघमित्रा ने कहा, "अगर टिकट के लिए ऐसा होता तो मैं पहले दिन जब लोकसभा प्रत्याशी बदायूं आए तो मैं उनके सामने बरेली से बदायूं तक नहीं आती और पूरे कार्यक्रम में उनके साथ रही. जिस ह्रदय की गहराई से मैं उनके साथ लगी हुई हूं, अपना चुनाव समझकर. मैं कतई उनके साथ नहीं होती. पार्टी में भी कहीं कोई दिक्कत नहीं है. अगर कोई भी दिक्कत होती तो मैं इस कार्यक्रम से दूर होती."
VIDEO: बदायूं में मंच पर छलक पड़े संघमित्रा मौर्य के आंसू, रोती हुई आईं नजर, पूछने पर बताई ये वजह
बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में गई थीं संघमित्रा
बदायूं से टिकट कटने के बाद भी संघमित्रा मौर्य बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में गई थीं. इस दौरान वह हंसते-मुस्कुराते नजर आई थीं. जिसपर लोगों ने उन्हें पार्टी का अनुशासित सिपाही बताया था, लेकिन अब संघमित्रा का रोते हुए वीडियो सामने आने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. मंच पर भाषण देने से पहले वह रोती हुई नजर आईं. हालांकि, बाद में उन्होंने दुर्विजय शाक्य के समर्थन में भाषण दिया और उन्हें जिताने की अपील की. माना जा रहा है कि संघमित्रा टिकट कटने से आहत हैं.
संघमित्रा के पिता रामचरितमानस पर उठाते रहे हैं सवाल
संघमित्रा के पिता स्वामी प्रसाद मौर्या रामचरितमानस और भगवान राम को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं. वो भगवान राम का अस्तित्व होने से भी इनकार करते रहे हैं. स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इससे विवादित अंश बाहर करने या इसे बैन करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद ने लंपट, दुराचारी, अनपढ़ गंवार ब्राह्मण को भी पूजनीय बताने और शूद्र के ज्ञानी, विद्वान होने पर भी उसका सम्मान करने वाले अंश का जिक्र करते हुए सवाल किया था कि क्या यही धर्म है?