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अधीर रंजन से TMC नाराज, कहा- वह INDIA गठबंधन के लिए 'कब्र खोदने वाले' की तरह

तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी आज पश्चिम बंगाल में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो पाने के लिए अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया. टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि अधीर रंजन चौधरी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.

TMC अधीर रंजन से नाराज है TMC अधीर रंजन से नाराज है
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 25 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से नाखुश है. वह उन्हें INDIA गठबंधन के लिए 'कब्र खोदने वाले' के रूप में देखती है. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की वजह से चीजें विफल हो गईं और पश्चिम बंगाल में सीट-बंटवारे की बातचीत अधूरी रह गई. राज्य में गठबंधन नहीं चल पाने के लिए ममता की पार्टी ने सीधे तौर पर अधीर को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि TMC ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. 

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टीएमसी के सूत्र ने कहा कि सीट-बंटवारे को लेकर हम काफी धैर्यवान रहे, लेकिन हमने इस काम में सिर्फ देरी महसूस की. साथ ही कहा कि अधीर रंजन के रोज़-रोज़ केबड़बोलेपन के कारण चीज़ें ख़राब हो गई हैं.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी आज पश्चिम बंगाल में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो पाने के लिए अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया. टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि अधीर रंजन चौधरी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.

टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि बंगाल में गठबंधन के काम नहीं करने के तीन कारण हैं, अधीर रंजन चौधरी, अधीर रंजन चौधरी और अधीर रंजन चौधरी. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के कई आलोचक हैं, लेकिन केवल भाजपा और अधीर रंजन चौधरी ने बार-बार गठबंधन के खिलाफ बोला है.

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डेरेक ने कहा कि आवाज उनकी है, लेकिन शब्द उन्हें दिल्ली में बैठे लोगों द्वारा निर्देशित किए जा रहे हैं. पिछले दो वर्षों में अधीर चौधरी ने भाजपा की भाषा बोली है. उन्होंने एक बार भी बंगाल को केंद्रीय धन से वंचित किए जाने का मुद्दा नहीं उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वह बंगाल में ईडी की कार्रवाइयों का भी समर्थन करते हैं, जब ईडी तृणमूल के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो वह ममता बनर्जी को नीचा दिखाने के लिए स्पेशल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और भाजपा नेताओं के खिलाफ मुश्किल से बोलते हैं.

दिल्ली में इंडिया गठबंधन की 19 दिसंबर की बैठक के दौरान टीएमसी ने सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा दी थी. लेकिन बाद में पार्टी थोड़ा और इंतजार करने पर सहमत हो गई थी. क्योंकि कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति जनवरी की शुरुआत में बैठकें कर रही थी. हालांकि टीएमसी की 2 सीटों की पेशकश कांग्रेस को रास नहीं आई और उसने कहा कि यह कम है.

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