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लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सियासत में मछली और मटन चर्चा में आ गए हैं. पीएम मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की एक रैली में विपक्षी नेताओं की ओर से सावन और नवरात्रि में नॉनवेज खाने के वीडियो शेयर करने पर जमकर निशाना साधा. अब विपक्षी नेता इस पर पलटवार कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम मछली खाते हैं लेकिन पीएम कहते हैं कि मछली खाने वाले हिंदू विरोधी होते हैं.
'मछली खाने वालों को हिंदू विरोधी कह रहे पीएम'
अभिषेक बनर्जी ने 'मछली खाने' वाले बयान को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'हम मछली खाते हैं लेकिन पीएम कहते हैं कि मछली खाने वाले हिंदू विरोधी हैं. मोदी जी मछली खाने पर बंगाल के लोगों को हिंदू विरोधी कह रहे हैं. बीजेपी न सिर्फ हमारे वोट चाहती है बल्कि वह चाहती है कि हम यह तय करें कि किसे वोट देना है, किसे प्यार करना है और किसकी पूजा करनी है.'
'गृह मंत्री लड़ सकते हैं डायमंड हार्बर से चुनाव'
अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर से टीएमसी के उम्मीदवार हैं. फिलहाल बीजेपी ने यहां से कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. हाल ही में बनर्जी ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि अगर भाजपा के पास उम्मीदवार नहीं हैं तो गृह मंत्री अमित शाह डायमंड हार्बर से चुनाव लड़ सकते हैं.
बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि डायमंड हार्बर में भाजपा के लिए सबसे अच्छा उम्मीदवार ईडी, सीबीआई निदेशक होंगे. या अगर गृह मंत्री खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनका भी स्वागत है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी द्वारा उम्मीदवार देने में देरी से पता चलता है कि पार्टी कितनी 'खराब' हो गई है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ओर से नवरात्रि में मछली खाने का वीडियो शेयर करने के बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक चुनावी रैली में विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी के लालू प्रसाद यादव के साथ मटन बनाने के वीडियो पर भी निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, 'कांग्रेस और INDI गठबंधन को लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में मजा आता है. ये लोग सावन में एक सजायाफ्ता मुजरिम के घर जाकर मटन बना रहे हैं. इतना ही नहीं उसका वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं. कानून किसी को भी कुछ भी खाने से नहीं रोकता है. सभी को स्वतंत्रता है कि वो Veg खाएं या Non-Veg खाएं. लेकिन इन लोगों की मंशा दूसरी होती है. ये लोग सावन के महीने में वीडियो दिखाकर, मुगल मानसिकता के द्वारा लोगों को चिढ़ाना चाहते हैं और अपना वोटबैंक पक्का करना चाहते हैं.'