
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मिश्रिख संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से अपने 17वीं लोकसभा के लिए सांसद अशोक रावत पर भरोसा जताया है. अशोक रावत 2004 और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यहां से सांसद रह चुके हैं. साल 2014 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी डॉ अंजू बाला ने हराया था लेकिन राजनीति की बदलती हवा को भांपकर 2019 में अशोक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और भाजपा के टिकट तीसरी बार संसद पहुंचने में सफल रहे.
अशोक रावत मिश्रिख संसदीय सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी के अपने ही एक नजदीकी रिश्तेदार को अगर हराने में कामयाब रहते हैं, तो वह यहां के ऐसे सांसद होंगे, जो चौथी बार इस इलाके का प्रतिनिधित्व करेंगे.
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पासी बिरादरी के नेता से मुकाबला
48 वर्षीय अशोक रावत जिस मिश्रिख संसदीय सीट से सांसद हैं, वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वो अनुसूचित जाति में पासी बिरादरी से आते हैं. इस बार उनका मुकाबला पासी बिरादरी के ही इलाके के एक कद्दावर नेता पूर्व राज्य मंत्री रामपाल राजवंशी से है. अशोक अपने संसदीय जीवन में लोकसभा की अनुसूचित जाति जनजाति के लिए काम करने वाली संसदीय समितियां से भी जुड़े रहे हैं.
मूल रूप से हरदोई जिले के रहने वाले अशोक रावत के संसदीय क्षेत्र में सीतापुर जिले की सिर्फ एक मिश्रिख विधानसभा सीट आती है. इसके अलावा हरदोई जिले की बिलग्राम, मल्लावां, संडीला, बालामऊ और कानपुर जिले की बिल्हौर विधानसभा इस संसदीय सीट में शामिल है. बीजेपी के लिए इसमें एक अच्छी खबर यह है कि इन सभी विधानसभा सीटों पर मौजूदा वक्त में भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है.
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फिलहाल लोकसभा चुनाव के नतीजे क्या होंगे, यह बात तो आने वाले वक्त में पता चलेगी लेकिन यह तय है कि अगर बीजेपी मिश्रिख सीट पर जीत हासिल कर पाती है, तो अशोक रावत चौथी बार सांसद बनकर इस सीट से कीर्तिमान बनाने में जरूर सफल होंगे.