
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट के लिए भी वोटिंग होनी है. सुल्तानपुर लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं मेनका गांधी के लिए हर बार चुनाव अभियान की कमान संभालते रहे उनके सांसद बेटे वरुण गांधी इस बार प्रचार अभियान से दूरी बनाए हुए थे.
वरुण अंतिम दिन सुल्तानपुर में प्रचार के मैदान में उतरे और अपनी मां के लिए रैली की. वरुण ने सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र में इस बार की अपनी पहली चुनावी रैली में मां को परमात्मा के बराबर एक शक्ति बताया और कहा कि अपनी मां के लिए ही नहीं, सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन जुटाने आया हूं.
मां का प्रचार लेकिन पार्टी से परहेज
वरुण गांधी ने अपने संबोधन में बीजेपी के नाम-निशान का जिक्र नहीं किया. वरुण गांधी जब रैली को संबोधित करने पहुंचे, उन्होंने बीजेपी का पट्टा पहनने से भी परहेज किया. वरुण पार्टी का नहीं, 'राधे-राधे' लिखा पट्टा पहने थे. उन्होंने 10 साल पहले पहली बार चुनाव लड़ने सुल्तानपुर आने के बाद के वाकये का जिक्र कर कहा कि तब लोगों ने कहा कि जो रौनक अमेठी और रायबरेली में होती है, वैसी रौनक हमारे यहां भी आए. वरुण का अमेठी और रायबरेली में रौनक का जिक्र करना भी बीजेपी की लाइन के खिलाफ ही है.
वरुण की एक्स प्रोफाइल के क्या संकेत
वरुण गांधी की सोशल साइट एक्स पर प्रोफाइल भी इसी तरफ संकेत कर रही है कि उनके और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. बीजेपी के छोटे से बड़े तक, तमाम नेताओं ने अपनी एक्स प्रोफाइल में नाम के आगे जहां 'मोदी का परिवार' लिख रखा है, वहीं वरुण की एक्स प्रोफाइल के बायो में भी कहीं पार्टी के नाम तक जिक्र नहीं है.
एक्स पर कभी काफी एक्टिव रहने वाले वरुण ने 28 मार्च को अपने हैंडल से पीलीभीत की जनता के नाम पत्र पोस्ट किया था और इसके बाद उनके हैंडल से कोई पोस्ट नहीं की गई है. पीलीभीत सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार का ऐलान किए जाने से पहले वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुछ पोस्ट रीपोस्ट भी किए थे. अब वरुण के एक्स हैंडल पर वह पोस्ट भी नहीं नजर आ रहे.
जाहिर सी बात है, वरुण ने ये रीपोस्ट हटा दिए होंगे. देश के सबसे बड़े चुनाव को लेकर वरुण का एक भी पोस्ट ना करना, सुल्तानपुर में पहले प्रचार से दूरी और फिर पार्टी के नाम-निशान से परहेज, इन सबको बीजेपी से उसके गांधी की दूरी का संकेत बताया जा रहा है.
वरुण के प्रचार करने पर मेनका ने क्या कहा था
सुल्तानपुर में मेनका गांधी के चुनाव अभियान की कमान वरुण गांधी संभालते रहे हैं. इस बार उनके प्रचार करने को लेकर मेनका गांधी ने कहा था कि वरुण प्रचार के लिए आना चाहते हैं लेकिन इस वक्त जरूरत नहीं है. मेनका ने ये भी कहा था कि सोने पर सुहागा की जरूरत नहीं है. मुझे लगा तो जरूर वरुण को बुलाऊंगी.
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वरुण गांधी आगे क्या करेंगे? पीलीभीत से टिकट कटने के बाद इस सवाल के जवाब में मेनका गांधी ने कहा था कि इलेक्शन के बाद देखते हैं. अभी लंबा समय है. मेनका का ये बयान और ताजा संदर्भ, सभी इसी तरफ इशारा बताए जा रहे हैं कि वरुण गांधी सरेंडर के मोड में नहीं हैं.
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पार्टी ने पीलीभीत से काट दिया था टिकट
वरुण गांधी 2019 में पीलीभीत सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. 1989 में मेनका गांधी ने पीलीभीत से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और तब से अब तक वह खुद या उनके बेटे वरुण इस सीट से चुनाव मैदान में उतरते रहे. इस बार बीजेपी ने वरुण का टिकट काट जितिन प्रसाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया. जिस लिस्ट में बीजेपी ने पीलीभीत से जितिन की उम्मीदवारी का ऐलान किया था, उसी लिस्ट में पार्टी ने मेनका को सुल्तानपुर से सिंबल देने की घोषणा भी की थी.