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प्रचार पर ब्रेक, अब वोटिंग का काउंटडाउन शुरू... जानें- पहले चरण की 102 सीटों पर कौन कितना मजबूत?

पहले चरण में तमिलनाडु समेत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सभी सीटों पर मतदान संपन्न हो जाएगा. इसके अलावा राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, असम और महाराष्ट्र में 5-5, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, मणिपुर में 2, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में एक-एक सीट पर मतदान होगा.

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को 102 सीटों पर वोटिंग होगी. (PTI Photo) लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को 102 सीटों पर वोटिंग होगी. (PTI Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए बुधवार शाम को प्रचार समाप्त हो गया. इस चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा. पहले फेज के चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के कैम्पेन का नेतृत्व किया. पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने तक पीएम मोदी 36 रैलियां और 7 रोड शो कर चुके हैं. गृह मंत्री अमित शाह अब तक 22 सार्वजनिक कार्यक्रम कर चुके हैं, जिनमें 8 रोड शो और 14 जनसभाएं शामिल हैं. राजनाथ सिंह ने 12 राज्यों में 26 जनसभाएं और 3 रोड शो किए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने तक 18 रैलियां, 3 रोड शो और 4 संगठनात्मक बैठकें की हैं.

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पीएम मोदी ने अपनी जनसभाओं के दौरान कहा, 'मैं 2014 में लोगों के बीच आशा और 2019 में विश्वास लेकर आया था, अब 2024 में गारंटी लेकर आया हूं. मैं जनता को दी गई अपनी सभी गारंटियों को पूरा करने की गारंटी दे रहा हूं.' गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभाएं कीं. मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के नेताओं और अन्य दलों ने भी अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. पहले चरण के चुनाव प्रचार में भाजपा ने भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति और संविधान तथा हिंदू धर्म का अपमान करने को लेकर इंडिया गुट पर हमला बोला.

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विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनावी बॉन्ड, एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, महंगाई और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरा. भाजपा ने अपने घोषणापत्र में लोकलुभावन वादों और एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों से किनारा करते हुए विकास और कल्याण को प्राथमिकता दी. उसने अपने मेनिफेस्टो को 'मोदी की गारंटी' नाम दिया और मुख्य रूप से सरकार की मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित किया. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में एक-राष्ट्र-एक-चुनाव और समान नागरिक संहिता को लागू करने की प्रतिबद्धता को दोहरायी.

कांग्रेस ने 'न्याय पत्र' नाम से 45 पन्नों का अपना घोषणापत्र जारी किया और उसमें  न्याय के पांच स्तंभों और उनके तहत 25 गारंटियों पर ध्यान केंद्रित किया. अप्रेंटिस का अधिकार, एमएसपी की कानूनी गारंटी, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन, राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और अग्निपथ योजना को खत्म करना घोषणापत्र में पार्टी द्वारा किए गए प्रमुख वादों में शामिल रहे. हालांकि, पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम लीग की छाप दिखती है और इसके 'हर पन्ने से भारत को तोड़ने की बू आती है.'

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2019 में 102 सीटों में से 45 पर UPA और 41 पर NDA ने दर्ज की थी जीत

पहले चरण की वोटिंग में आठ केंद्रीय मंत्रियों- नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, सर्बानंद सोनोवाल, संजीव बालियान, जितेंद्र सिंह, भूपेन्द्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल और एल मुरुगन, दो पूर्व मुख्यमंत्री - बिप्लब कुमार देब (त्रिपुरा) और नबाम तुकी (अरुणाचल प्रदेश), और तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन की सीटें भी दांव पर होंगी. 2019 में, यूपीए ने इन 102 सीटों में से 45 और एनडीए ने 41 सीटें जीती थीं. पहले चरण में तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), मेघालय (2), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नागालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) की सभी सीटों पर मतदान होगा.

इसके अलावा राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, असम और महाराष्ट्र में 5-5, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, मणिपुर में 2, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में एक-एक सीट पर मतदान होगा. इन निर्वाचन क्षेत्रों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि मतदान से 48 घंटे पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति इन क्षेत्रों में न रहे. किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार, सार्वजनिक बैठकें, राजनीतिक दलों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस, इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया में साक्षात्कार और पैनल चर्चा को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के दौरान यहां विधानसभा चुनाव कराने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर लोगों को आश्वस्त किया था. गृह मंत्री शाह ने एक रैली के दौरान दोहराया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 30 सितंबर की समय सीमा के अनुसार होंगे. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में पहले चरण में मतदान होगा. बता दें कि मंगलवार को बस्तर रेंज के कांकेर जिले में एक बड़े नक्सल विरोधी अभियान में 29 माओवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया. 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीटों के लिए दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा.

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