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'हमने बहुमत का इस्तेमाल 370 हटाने के लिए किया, आरक्षण हटाने के लिए नहीं,' Interview में बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, अगर आरक्षण हटाने की मंशा होती तो कब का हट चुका होता. 10 साल से हम पावर में हैं. मगर आरक्षण पर आघात कांग्रेस पार्टी ने किया है. कर्नाटक और हैदराबाद में उन्होंने धर्म के आधार पर 4 पर्सेंट और 5 पर्सेंट आरक्षण दिया है, इससे पिछड़ा वर्ग, एससी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण पर डाका पड़ा है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.
अंजना ओम कश्यप
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

लोकसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजतक को इंटरव्यू दिया है और आरक्षण से लेकर अनुच्छेद 370, राम मंदिर और यूसीसी को लेकर विपक्ष के हर सवाल का खुलकर जवाब दिया है. विपक्ष के आरक्षण खत्म को लेकर सवाल किए जाने पर शाह ने साफ कहा, ये कह रहे हैं कि मोदीजी 400 सीट इसलिए मांग रहे हैं, क्योंकि संविधान बदलना है और आरक्षण हटा देना है. ये बातें वो खुलकर और निर्लज्जता से बोलते हैं. मैं बता देना चाहता हूं कि शायद उनको नॉलेज नहीं है कि 10 साल से हमारे पास पूर्ण बहुमत है. हमने पूर्ण बहुमत का उपयोग आरक्षण हटाने के लिए नहीं किया, बल्कि अनुच्छेद 370 हटाने के लिए किया है. ट्रिपल तलाक हटाने के लिए किया है. जीएसटी लाने के लिए किया है. राम मंदिर बनाने के लिए किया है. 

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शाह ने कहा, अगर आरक्षण हटाने की मंशा होती तो कब का हट चुका होता. 10 साल से हम पावर में हैं. मगर आरक्षण पर आघात कांग्रेस पार्टी ने किया है. कर्नाटक और हैदराबाद में उन्होंने धर्म के आधार पर 4 पर्सेंट और 5 पर्सेंट आरक्षण दिया है, इससे पिछड़ा वर्ग, एससी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण पर डाका पड़ा है. धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान सम्मत नहीं है. बीजेपी सांसद के संविधान को लेकर बयान देने पर शाह ने कहा, हमारे सांसद का बोलना और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता के बोलने में अंतर है या नहीं?

'ध्रुवीकरण क्या है?'

गृह मंत्री शाह ने कहा, निश्चित रूप से चुनाव में एनडीए 400 प्लस सीटें जीतने जा रहा है. हमने पहले भी बताया कि हम 190 के पार हो गए हैं. इस चरण में सबसे ज्यादा फायदा एनडीए को होने वाला है. आंध्र प्रदेश में बीजेपी अलायंस 17 सीटें जीत सकता है. तेलंगाना में हम 10 से 13 सीटें जीतने जा रहे हैं. पोलराइजेशन के सवाल पर शाह ने कहा, अनुच्छेद 370 में ध्रुवीकरण क्या है? 370 देश में आतंकवाद फैलाने का नासूर बना हुआ था. इसमें ध्रुवीकरण क्या है? क्या देश का एक करना किसी का फर्ज नहीं है. आप बारीकी से देखें तो हमारे संविधान निर्माताओं ने भी कहा था कि इसे हटाना चाहिए, क्योंकि इसके सामने टेंपरेरी प्रोविजन लिखा हुआ था. इसके अलावा, एक भी प्रोविजन के सामने टेंपरेरी प्रोविजन नहीं है.

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शाह ने पूछा, अनुच्छेद 370 के सामने टेंपरेरी प्रोविजन क्या रखा था? वो इसलिए रखा गया, क्योंकि उस वक्त भी सब लोग समझते थे कि इसको कभी ना कभी जाना है. ये हमारा आज का एजेंडा नहीं है. जब से मेरी पार्टी बनी, तब से जनसंघ से लेकर बीजेपी तक... हमारे संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) में इसके बारे में बात ना की गई हो. आप सब लोग समझते थे कि ये नहीं हटेगा. हट गया है तो सब लोग कह रहे हैं कि ध्रुवीकरण. 370 में क्या ध्रुवीकरण है?

'जरूर बीजेपी को फायदा हुआ है'

राम मंदिर भी बीजेपी के घोषणा पत्र में होने और अब पार्टी को फायदा होने के सवाल पर शाह ने कहा, फायदा और नुकसान तो मीडिया का खड़ा किया हुआ परसेप्शन है. राम जन्म भूमि हमारे लिए और देश-दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के लिए विश्वास का सवाल है. हां, ये जरूर है कि रामजन्मभूमि में रामलला की जब प्रतिष्ठा हो रही थी, तब इंडी अलायंस के एडवाइजर्स ने इसका बहिष्कार करने की रणनीति बनाई तो इससे जरूर बीजेपी को फायदा हुआ है. देश का हर नागरिक सोचता है कि 550 साल के बाद जब रामजन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बना है, तब ये क्यों नहीं जा रहे हैं? स्वभाविक सवाल खड़ा होता है. किससे डरते हैं? अगर वो आ जाते तो चुनाव में ये मुद्दा ही नहीं होता. सबको जाना चाहिए वहां. राम मंदिर कोई बीजेपी का नहीं है. एक ट्रस्ट बना है. वो ट्रस्ट इसका संचालन कर रहा है, जिसका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है.

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'राहुल गांधी घोषणा कर दें तो....'

कांग्रेस पर शरिया कानून लागू करने का सवाल उठाने पर शाह ने कहा, हमारी विपक्षी पार्टी चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी और उसमें कहेगी कि हम पर्सनल लॉ लाएंगे तो क्या हम उसे जनता के सामने नहीं रखेंगे? वो तो नहीं रखते हैं. वो जहां रखना है, वहीं रखते हैं. मगर देश की जनता को वोट डिसाइड करने से पहले हमारा दायित्व है कि हमारी विपक्षी पार्टी और हमारी पार्टी दोनों ने क्या वादे किए हैं, वो बातें जनता के सामने रखेंगे. मैं आज फिर कहता हूं कि कल राहुल गांधी एक घोषणा कर दें कि हम पर्सनल लॉ को प्रेस नहीं करेंगे तो हम भी बोलना बंद कर देंगे. जब वो घोषणा पत्र में पर्सनल लॉ की बात रखते हैं तब उनसे कुछ नहीं पूछा जाता है. जब हम वो मुद्दा उठाते हैं तो आपको लगता है कि हम कम्युनल कर रहे हैं. पंथ निरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून चाहिए क्या? कम्युनल वो हैं, जो पर्सनल लॉ की बात करते हैं. कम्युनल वो नहीं हैं, जो यूसीसी की बात करते हैं. हम तो कह रह हैं कि पूरे देश में यूसीसी लेकर आएंगे. कानून और धर्म का कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए. हमने उत्तराखंड से शुरुआत कर दी है. 

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'यूसीसी सभी धर्मों के लिए है'

कांग्रेस के घोषणा पत्र में बहुसंख्यकवाद का जिक्र होने पर शाह ने कहा, हमने क्या दबदबा किया है, वो बता दें? यूसीसी हिंदुओं के लिए नहीं है, बल्कि सभी धर्मों के नागरिकों के लिए है. अनुच्छेद 370 हिंदू-मुस्लिम का भेद नहीं करता है. राज्य-राज्य के बीच में भेद करता है. एक देश में दो राष्ट्रध्वज चल सकते हैं क्या? कर्नाटक का नागरिक बंगाल में सेटल नहीं हो सकता है, ऐसा चल सकता है क्या? हमने क्या किया है. हमने सालों से जो अन्याय चल रहा था, उस अन्याय को निरस्त करने का काम किया है.

पांच सवालों के जवाब दें राहुल गांधी

शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पांच सवाल भी किए. उन्होंने कहा, जब आप पर्सनल लॉ लाएंगे, तब ऑटोमैटिक ट्रिपल तलाक खत्म हो जाएगा. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आप ट्रिपल तलाक वापस लाएंगे? देश की जनता के सामने स्पष्ट करिए. दूसरा, क्या आप मुस्लिम पर्सनल लॉ के पक्षधर हैं? तीसरा, क्या आप सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हैं? चौथा, आप राम मंदिर में दर्शन करने क्यों नहीं गए? पांचवा, अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन करते हैं या नहीं? यह भी स्पष्ट करिए. उन्होंने आगे कहा, मैं मानता हूं कि चुनाव से पहले राहुल गांधी को इन सारे सवालों के जवाब देना चाहिए. मुझे मालूम है कि वो नहीं बोलेंगे. क्योंकि उनका वोट बैंक प्रभावित हो सकता है. लेकिन सवाल पूछने का मेरा अधिकार है. 

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