
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट पर आज चौथे चरण में मतदान चल रहा है. इस बीच, कांग्रेस उम्मीदवार और स्थानीय सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. चौधरी ने कहा, ममता (CM ममता बनर्जी) ने मेरे खिलाफ एक पूर्व क्रिकेटर का इस्तेमाल किया है. वह बलि का बकरा है. अधीर ने आगे कहा, ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यक वोट काटने के लिए यूसुफ को बहरामपुर में भेजा है. लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि इस व्यक्ति (युसूफ) ने कभी भी मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है.
चौधरी ने कहा, बहरामपुर में अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण के लिए टीएमसी ने युसूफ पठान को उम्मीदवार बनाया है. यह टीएमसी और बीजेपी के बीच का समझौता है. उन्होंने कहा, हम जीतेंगे और इसमें कोई संदेह नहीं है. मैं बेहद आश्वस्त हूं. करीब 4-5 जगहों पर कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं. शिकायत दर्ज कराने जा रहा हूं. मेरी प्रतिस्पर्धा बीजेपी और टीएमसी से है, किसी व्यक्ति से नहीं. टीएमसी को यहां से यूसुफ पठान को उम्मीदवार नहीं बनाना चाहिए था, यह बेकार है.
बहरामपुर से छठी बार चुनावी मैदान में चौधरी
इससे पहले अधीर रंजन ने आरोप लगाया था कि टीएमसी कई जगहों पर उनके बूथ एजेंटों को रोकने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा था कि युसूफ पठान कोई फैक्टर नहीं होंगे. मुझे छठी बार बहरामपुर से चुनाव जीतने का भरोसा है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, पीएम पहले तीन चरणों के बाद घबरा गए हैं. अब 400 पार के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस हमारे सहयोगियों के साथ सरकार बनाने के दरवाजे पर है. अधीर का कहना था कि 'दीदी' मोदी की 'दलाली' कर रही हैं, इसलिए हम बंगाल में इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं बन सके.
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चौधरी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की बहरामपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी 1999 से लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं. वे छठी बार मैदान में हैं. यहां बीजेपी से डॉ. निर्मल कुमार साहा मैदान में हैं, जो जाने-माने स्थानीय सर्जन हैं. अधीर रंजन के लिए इस बार यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है. हालांकि, इस बार उनके लिए जीत आसान नहीं मानी जा रही है. पिछले कुछ वर्षों में बहरामपुर से चौधरी की जीत का अंतर धीरे-धीरे कम हुआ है. 2009 में उन्होंने करीब 57% वोट हासिल किए थे. 1.8 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. 2014 में उन्होंने 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. करीब 50% वोट हासिल किए थे. लेकिन 2019 में जीत का अंतर घटकर करीब 80,000 हो गया और 45% वोट शेयर पर आ गया.
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मुर्शिदाबाद में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी
मुर्शिदाबाद मुस्लिम बहुल जिला है और बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है. बहरामपुर सीट पर मुस्लिम 63% और हिंदू 37% हैं. बहरामपुर में चौधरी हिंदू और मुस्लिम दोनों वोटर्स की पसंद बनते आए हैं. लेकिन इस बार हालात अलग हैं. टीएमसी ने मुस्लिम वोटों को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. जबकि बीजेपी ने हिंदू वोटर्स को लामबंद करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है.