
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली रविवार को मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैंने अपने मन की पीड़ा और अपने कार्यकर्ताओं की पीड़ा कांग्रेस आलाकमान को त्यागपत्र में भेज दी. लवली ने कहा, 'मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं. मेरी लड़ाई उसूलों को लेकर के है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मन में जो पीड़ा है, मैंने उसको ध्यान में रखकर इस्तीफा दिया है.'
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मेरे बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है कि मैंने लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया है. यह गलत है. दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि अरविंदर सिंह लवली बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, 'मैं सौरभ भारद्वाज को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं. मुझे लगता है कि वह अन्य पार्टियों की ओर से निर्णय लेते हैं. मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.'
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. दिल्ली के 30 से 35 पूर्व कांग्रेस विधायक मुझसे मिलकर गए हैं. मैं अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलता रहूंगा. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने और पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने X पोस्ट में लिखा, 'क्या भाजपा पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बदलने जा रही है?'
इससे पहले शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे अरविंदर सिंह लवली ने रविवार सुबह दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के पीछे आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस द्वारा राजधानी की तीन सीटों पर उतारे गए उम्मीदवारों तक के मुद्दों का हवाला दिया. यह दूसरी बार है जब लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने 2015 में भी पद छोड़ दिया था, जब AAP ने विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटें जीतकर जीत हासिल की थीं.
अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित अपने इस्तीफे में लिखा, 'दिल्ली कांग्रेस यूनिट उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. फिर भी कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया. इसके चलते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली में सिर्फ तीन सीटें मिलीं. दिल्ली कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं को टिकट मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन पार्टी ने इस पर विचार नहीं किया.'
लवली ने आगे लिखा, 'पार्टी ने उन दो नेताओं को टिकट दिए गए जो दिल्ली से पूरी तरह अजनबी थे.' उनका इशारा कन्हैया कुमार और उदित राज की ओर था. कांग्रेस ने कन्हैया को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और उदित राज को नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया है. अरविंद केजरीवाल और शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली में हुए विकास कार्यों की तुलना करते हुए अरविंदर सिंह लवली ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि स्वर्गीय शीला दीक्षित के नेतृत्व में स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से जुड़े विकास कार्यों की तुलना में आम आदमी पार्टी के शासन में दिल्ली की स्थिति गंभीर रूप से खराब हो गई है.'