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करोड़ रुपए की नौकरी छोड़ी, अमेरिका से चुनाव लड़ने गांव आया युवा; गली-गली जाकर मांग रहा वोट

25 साल के प्रखर प्रताप सिंह मूलतः रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान के पुस्तैनी निवासी हैं. देश के प्रसिद्ध दून स्कूल देहरादून में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अमेरिका चले गए थे. अमेरिका में आर्किटेक्ट की डिग्री और इटली में मास्टर डिग्री हासिल की. डिग्री पूरी होते ही प्रखर को एक करोड़ रुपए सालाना के पैकेज की नौकरी अमेरिका में मिल गई.

अमेरिका से लौट प्रखर प्रताप सिंह वोट मांगते हुए. अमेरिका से लौट प्रखर प्रताप सिंह वोट मांगते हुए.
विजय कुमार विश्वकर्मा
  • रीवा,
  • 30 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:54 AM IST

राजनीति का रंग निराला है, बदलते दौर के साथ ही राजनीति का रंग भी बदल रहा है. राजनीति में आने के लिए नेता ताउम्र संघर्ष करते रहते हैं. एक बार आने के बाद सियासी दुनिया छोड़ना नहीं चाहते. चुनाव का ऐसा जुनून चढ़ता है कि स्टेट, डिस्ट्रिक और कांस्टीट्यूएंसी बदलकर दावेदारी करने से नहीं चूकते हैं. ऐसा ही एक वाकया मध्यप्रदेश के रीवा में देखने को मिल रहा है, जहां सात समंदर पार करके चुनाव लड़ने के लिए एक युवा अमेरिका से रीवा अपने गांव आया है. इतना ही नहीं, गांव आकर अपने विधानसभा क्षेत्र से विधायकी की उम्मीदवारी पेश की है. यह आर्किटेक्ट युवा अमेरिका में करोड़ों रुपए सालाना के पैकेज में काम कर रहा था. 

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रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा इन दिनों चर्चा में है. चर्चा विधानसभा के रण में उतरे एक युवा नेता को लेकर है. जिसने इस विधानसभा में विधायकी की दावेदार पेश की है.

25 साल के प्रखर प्रताप सिंह मूलतः रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान के पुस्तैनी निवासी हैं. देश के प्रसिद्ध दून स्कूल देहरादून में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अमेरिका चले गए थे. अमेरिका में आर्किटेक्ट की डिग्री और इटली में मास्टर डिग्री हासिल की. डिग्री पूरी होते ही प्रखर प्रताप सिंह को भारतीय मुद्रा के हिसाब से 1 करोड़ रुपए सालाना के पैकेज की नौकरी अमेरिका में मिल गई. लेकिन वतन की मिट्टी महक, गांव की यादें, गरीबों का दर्द यादें ताजा होती रहीं. 

इसी बीच अमेरिका में मौजूद इंडियन सोसाइटी में प्रखर प्रताप सिंह की मुलाकात कुछ भारतीय नेताओं से हुई और इस मुलाकात से प्रखर को नई राह पर चलने की एक उम्मीद मिल गई. राजनीति के पाठ से अनभिज्ञ आर्किटेक्ट प्रखर प्रताप सिंह भारत लौट आए और राजनीति के रण में उतार गए. 

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गुढ़ विधानसभा सीट से उम्मीदवारी कर जनता की सेवा करने का मजबूत इरादा कर लिया. इससे पहले प्रखर प्रताप सिंह के घराने से कोई भी राजनीति में नहीं गया था. प्रखर प्रताप सिंह के जुनून को देखकर आम आदमी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. 

AAP उम्मीदवार के पिता भानू सिंह बताते है कि प्रखर बचपन से ही काफी होनहार थे. पढ़ाई में ललक देखते हुए उनको दून स्कूल भेजना पड़ा. दून से अमेरिका और फिर इटली का सफर तय किया. अच्छा पैकेज मिलने से प्रखर अमेरिका में रहने की सलाह दी थी. लेकिन अपने बब्बा साहब से प्रभावित होकर प्रखर समाजसेवा की राह पर चल पड़े हैं. 

प्रखर का कहना है कि उनकी विधानसभा में कई समस्याएं है, गरीबों की छोटी छोटी जरुरतें हैं जो पूरी नहीं हो पाई हैं. मेरा लक्ष्य है कि रूट लेवल पर काम करूं ताकि इनके जीवन स्तर सुधार हो और जनता खुशहाल हो जाए. 

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