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MP में रूठों को मनाने का सिलसिला जारी, बागी नेता को मनाने पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी, जबरदस्ती छूते दिखे पैर

भोपाल की हुजूर सीट पर पूर्व विधायक जितेंद्र डागा से मिलने बुधवार शाम को कांग्रेस के प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी पहुंचे तो जितेंद्र डागा उस समय असहज हो गए जब ज्ञानचंदानी उनके मना करने के बावजूद पैर छूने की जिद पर अड़ गए. डागा द्वारा कई बार मना करने के बावजूद ज्ञानचंदानी नहीं मानें और उनके पैर पड़े.

कांग्रेस प्रत्याशी ने जबरदस्ती पूर्व विधायक के पैर हुए कांग्रेस प्रत्याशी ने जबरदस्ती पूर्व विधायक के पैर हुए
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 02 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:06 AM IST

मध्य प्रदेश में टिकट वितरण के बाद से ही कांग्रेस और बीजेपी में बागियों और रूठों को मनाने का सिलसिला जारी है. दोनों दलों के नेता बागियों की मान मनोव्वल कर नामांकन वापस लेने की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में भोपाल की हुजूर सीट पर पूर्व विधायक जितेंद्र डागा से मिलने बुधवार शाम को कांग्रेस के प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी पहुंचे तो जितेंद्र डागा उस समय असहज हो गए जब ज्ञानचंदानी उनके मना करने के बावजूद पैर छूने की जिद पर अड़ गए. डागा द्वारा कई बार मना करने के बावजूद ज्ञानचंदानी नहीं मानें और उनके पैर पड़े. 

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इसके पहले बीजेपी विधायक और हुजूर से बीजेपी प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा भी जितेंद्र डागा को मनाने पहुंचे थे और उन्हें बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश करते दिखे. दरअसल, जितेंद्र डागा इस सीट से विधायक रह चुके हैं और क्षेत्र के कद्दावर नेता भी है. इस चुनाव में भी वह दावेदारी ठोक रहे थे लेकिन कांग्रेस ने यहां से नरेश ज्ञानचंदानी को उम्मीदवार बना दिया जिसके बाद डागा ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर दिया है. 

नामांकन के आखिरी दिन सिंधिया ने सपा प्रत्याशी को बीजेपी में वापस शामिल करा दिया था. सिंधिया समर्थक भक्ति तिवारी ने एक बार फिर से बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. टिकट न मिलने से नाराज भक्ति तिवारी ने बीजेपी छोड़ दी थी. भक्ति तिवारी 2020 में सिंधिया के साथ बीजेपी में आए थे. इस बार बीजेपी ने उनको टिकिट नहीं दिया तो वे सपा में शामिल हो गए और खरगापुर विधानसभा सीट से टिकिट हासिल कर लिया. लेकिन नामांकन के आखिरी दिन वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए.

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17 नवंबर को होगी वोटिंग

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 2018 की ही तरह एक फेज में वोट डाले जाएंगे. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. सूबे की सत्ता पर अगले पांच साल तक किसका राज होगा? 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 मतदाता अपना फैसला 17 नवंबर को ईवीएम में कैद करेंगे. चुनाव आयोग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कुल 5.6 करोड़ मतदाताओं में 2.88 करोड़ पुरुष और 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं. इनमें ऐसे मतदाताओं की तादाद 22.36 लाख है जो पहली बार मताधिकार का उपयोग करेंगे.  

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