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बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से भिड़ने और फिर सुलह करने वाले BJP कैंडिडेट प्रीतम लोधी का क्या है अपडेट?

Madhya Pradesh Assembly Election Results Live: ब्राह्मण समाज के खिलाफ दिए गए बयान के खिलाफ बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बीजेपी नेता प्रीतम लोधी की जुबानी भिड़ंत हो गई थी. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बीजेपी को प्रीतम लोधी को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा था. हालांकि, बाद में 'घर वापसी' के बाद पिछोर सीट से प्रीतम लोधी को पिछोर सीट से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया.

धीरेंद्र शास्त्री और BJP उम्मीदवार प्रीतम लोधी. (फाइल फोटो) धीरेंद्र शास्त्री और BJP उम्मीदवार प्रीतम लोधी. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • शिवपुरी ,
  • 03 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

विख्यात धार्मिक कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ बयानबाजी और फिर सुलह करने वाले बीजेपी नेता प्रीतम लोधी ने मध्य प्रदेश सहित देश की राजनीति में काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इस विवाद के चलते बीजेपी से निष्कासन के बाद दोबारा से लोधी की पार्टी में वापसी हो गई थी. यही नहीं, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी सबसे पहली लिस्ट में बीजेपी ने प्रीतम लोधी को शिवपुरी जिले की पिछोर सीट से टिकट दिया. 

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए चल रही मतगणना के बीच बीजेपी उम्मीदवार प्रीतम लोधी खबर लिखे जाने तक कांग्रेस उम्मीदवार से आगे चल रहे हैं. राज्य के विपक्षी दल ने बीजेपी कैंडिडेट लोधी के खिलाफ अरविंद सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है. Pichhor Result Live यहां क्लिक करके देखें

दरसअल, पिछोर को कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट माना जाता रहा है. कांग्रेस नेता केपी सिंह पिछले 5 बार से इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे. हालांकि, इस बार पार्टी ने केपी सिंह को शिवपुरी सीट से चुनावी लड़ने भेज दिया. 2018 और 2013 के चुनाव में पिछोर से केपी सिंह अपने प्रतिद्वंदी प्रीतम लोधी को शिकस्त दे चुके थे. इस सीट पर लोधी समाज के वोट 40 हजार के आसपास हैं. इसी कारण कांग्रेस ने भी इस बार के चुनाव में प्रीतम लोधी के आगे अरविंद सिंह लोधी को टिकट दिया. 

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बता दें कि ब्राह्मण समाज के खिलाफ दिए गए बयान के खिलाफ एमपी के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बीजेपी नेता प्रीतम लोधी की जुबानी भिड़ंत हो गई थी. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बीजेपी को प्रीतम लोधी को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा था. 

इसके बाद प्रीतम सिंह लोधी ने बीजेपी के खिलाफ मध्य प्रदेश में मोर्चा खोल रदिया और अपने लोधी समुदाय को बीजेपी से दूरी बनाए रखने की नसीहत देने लगे थे. 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने का अल्टीमेटम भी दे सार्वजनिक रूप से दे रहे थे. ऐसे में बीजेपी को अपना सियासी समीकरण गड़बड़ाता नजर आ रहा था, जिसके चलते ही शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर उमा भारती तक प्रीतम सिंह लोधी तक मनाने में जुट गए थे. आखिरकार नेताओं की पहल पर कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री और प्रीतम सिंह लोधी के बीच सुलह हुई. फिर बीजेपी ने लोधी नेता की पार्टी में वापसी करवाई.   

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के प्रीतम सिंह लोधी के करीबी ही नहीं बल्कि मुंह बोले भाई कहा जाता है. दोनों ही लोधी समुदाय से आते हैं और शिवपुरी के इलाके में अच्छा खासा प्रभाव है.

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