
मध्य प्रदेश ने शिवराज सिंह को फिर से गले लगा लिया. भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले और मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के नायक बनकर उभरे हैं. प्रदेश में पार्टी दो-तिहाई बहुमत मिला है. 230 में से 160 से अधिक सीटें बीजेपी ने जीती हैं. वहीं कांग्रेस 65 सीटों पर सिमट गई.
नतीजे आने के बाद रविवार देर शाम पीएम मोदी के नेतृत्व में संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत के बाद मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मंथन किया गया. तीनों राज्यों में पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे, जो मुख्यमंत्री चेहरे पर मुहर लगाएंगे.
बता दें कि 64 वर्षीय राजनेता ने सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए 'लाडली बहना' जैसी गेम-चेंजर योजना शुरू करके मध्य प्रदेश में भाजपा के पक्ष में स्थिति बनाने की कोशिश की, हालांकि उनकी पार्टी ने चुनाव से पहले उन्हें सीएम चेहरे के रूप में पेश करने से परहेज किया था.
नरोत्तम मिश्रा नहीं बचा पाए सीट
राज्य में प्रचंड बहुमत के बावजूद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के 12 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा सके. नरोत्तम मिश्रा दतिया सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र भारती से 7,742 वोटों के अंतर से हार गए. हार का सामना करने वालों में अटेर से मंत्री अरविंद भदोरिया, हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन शामिल हैं.
ये मंत्री भी हार गए चुनाव
बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल और पोहरी से सुरेश धाकड़ भी चुनाव हार गए. सिसौदिया और दत्तीगांव केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी सहयोगी हैं. दत्तीगांव को भंवर सिंह शेखावत ने हराया है, शेखावत चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो हुए थे.
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को खरगापुर से हराया गया है. एक अन्य मंत्री राम किशोर कावरे को भी परसवाड़ा से हार का सामना करना पड़ा. भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी, जो कि सिंधिया की वफादार उम्मीदवार भी हैं, डबरा से कांग्रेस के सुरेश राजे से 2,267 वोटों से हार गईं. सतना से मौजूदा भाजपा सांसद गणेश सिंह कांग्रेस के डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाह से 4,041 वोटों से हार गए.
ये दिग्गज नेताओं ने जीत दर्ज की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, कांग्रेस के कमल नाथ और पूर्व मंत्री राम निवास रावत उन प्रमुख चेहरों में से हैं जो राज्य चुनाव में विजयी हुए हैं. एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि शिवराज चौहान ने टीवी अभिनेता से कांग्रेस नेता बने विक्रम मस्तल शर्मा को हराकर 1,04,974 वोटों के अंतर से अपनी बुधनी सीट बरकरार रखी.
शिवराज छठी बार बुधनी सीट से जीते हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1990 में बुधनी से जीता था और अगले वर्ष विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे.
24 हजार वोट से जीते नरेंद्र तोमर
बीजेपी में सीएम पद के संभावित दावेदार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया को 24,461 वोटों से हराकर जीत हासिल की. शीर्ष पद के लिए एक अन्य प्रमुख विजेता और दावेदार केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल को हराकर नरसिंहपुर विधानसभा सीट से 31,310 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ी जीत दर्ज की
मुख्यमंत्री पद के एक अन्य संभावित उम्मीदवार, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से मैदान में उतारा गया, जो उनके लिए कठिन मानी जा रही थी. लेकिन इंदौर जिले की विभिन्न सीटों से चुनाव जीतने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड को जानते हुए, विजयवर्गीय ने कांग्रेस के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराकर इंदौर -1 सीट 57,939 वोटों से जीत हासिल की. हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा से भाजपा के विवेक बंटी साहू को 36,594 वोटों से हराकर जीत हासिल की.