Advertisement

MP: सियासत की दिशा तय करती है नर्मदा नदी, जानिए कितनी सीटों पर असर डालता है 'मां नर्मदा फैक्टर'

एमपी में नर्मदा न सिर्फ जीवनदायिनी नदी है बल्कि इससे जुडा एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही वजह है कि एमपी में चुनावी बेड़ा पार करने के लिए नर्मदा मैया के सहारे जीत की नैया पार करने की कोशिशें की जा रही हैं. कांग्रेस हो या भाजपा मां नर्मदा के सहारे अपना वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश जरूर कर रहा है.

नर्मदा नदी के सहारे दोनों दल नर्मदा नदी के सहारे दोनों दल
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 01 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा नदी चुनावी साल में राजनितिक दलों के लिए भी जीवनदायिनी साबित होती है. 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भी मध्य प्रदेश में नर्मदा के जयकारे हो रहे हैं, पूजा आरती हो रही है. पहले प्रियंका गांधी ने नर्मदा आरती कर चुनावी शंखनाद किया तो अब कांग्रेस ने नर्मदा सेवा सेना यात्रा शुरू की है, तो वहीं अब सीएम शिवराज भी नर्मदा की पूजा अर्चना कर रहे हैं. सियासी दलों की नर्मदा भक्ति पर इस रिपोर्ट को पढ़िए और समझिये कैसे मध्य प्रदेश की राजनीति में जरूरी है मां नर्मदा का आशीर्वाद? 

Advertisement

एमपी में नर्मदा न सिर्फ जीवनदायिनी नदी है बल्कि इससे जुडा एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही वजह है कि एमपी में चुनावी बेड़ा पार करने के लिए नर्मदा मैया के सहारे जीत की नैया पार करने की कोशिशें की जा रही हैं. कांग्रेस ने सोमवार से नर्मदा सेवा सेना बनाकर नर्मदापुरम से नर्मदा आरती पूजा कर नर्मदा सेवा यात्रा का अभियान शुरू किया है. इसके तहत कांग्रेस कार्यकर्ता नर्मदा किनारे के इलाकों में सदस्य बनाएंगे, नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन, नदी में मिलती गंदगी को रोकने का काम करेंगे. नर्मदा के सहारे कांग्रेस चुनावी शंखनाद भी कर चुकी है. हाल ही में 12 जून को प्रियंका गांधी वाड्रा ने जबलपुर में मां नर्मदा के तट पर पहुंचकर आरती की, जिसमें कमलनाथ भी मौजूद रहे और चुनावी शंखनाद की शुरुआत की थी. 

Advertisement

नर्मदा को साफ रखने की कवायद या सिर्फ सियासत?

'आजतक' से बात करते हुए नर्मदा सेवा सेना के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि 'नर्मदा जी की रक्षा करना और जो अन्य नदिंया हैं मध्य प्रदेश की उनकी रक्षा करना, उनके पानी को बचाना, अवैध उत्खनन ओर अतिक्रमण के रास्ते से जिस तरह से नदियों को सुखा दिया गया है, बर्बाद कर दिया गया है, जिस तरह से इनकी जैव विविधता बर्बाद कर दी गई है, उस सब पर रक्षा करने की जरूरत है. दुनिया कहती है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वो पानी के लिए होगा और हम पानी का सत्यानास कर रहे हैं. जो नर्मदा जी हमारे 4 करोड़ लोगों को जीवन देती हैं. इतने खेतों को सिंचती हैं. इनकी वजह से 4 करोड़ लोगों के लिए अनाज पैदा होता है. इसी नदी की वजह से हमें बिजली मिलती है जिनसे हमारे मध् यप्रदेश के आधे घर रोशन हो रहे हैं उन नर्मदा जी के प्रति ये सरकार इतनी निष्ठुर है इतनी कठोर है इसका हम जनजागरण करना चाहते है.

नर्मदा सेवा सेना के अध्यक्ष ने बताया कि कल हम नर्मदापुरम गए थे, वहां पर हमने देखा कि नर्मदा के बिल्कुल सेठानी घाट में मुंह पर कोरीघाटी के नाले का गंदा पानी नर्मदा में समाहित हो रहा है. 18 साल बाद 18वीं बार नाव पर खड़े होकर मुख्यमंत्री इसका वादा कर चुके हैं कि हम ये नाला बन्द कर देंगे. लेकिन आज तक वो नाला बंद नहीं हुआ. इसे रोकने की जरूरत है. इसमें जो भी कानूनी तरीके हैं उनको भी हम अपनाएंगे. एनजीटी में भी जाएंगे, इन सब चीज के लिए प्रयास करेंगे. 

Advertisement

दिग्विजय कर चुके हैं परिक्रमा, शिवराज ने शुरू की थी नर्मदा सेवा यात्रा

साल 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसी नर्मदा की पैदल परिक्रमा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कर चुके हैं. दिग्विजय सिंह की 142 दिन की नर्मदा किनारे तकरीबन 3,300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा यात्रा खूब चर्चा में रही थी. दिग्विजय सिंह की इस यात्रा का कांग्रेस को फायदा पहुंचा और 2018 में कांग्रेस ने नर्मदा नदी से लगी 35 विधानसभा सीटों पर जीत के साथ सत्ता हासिल कर ली.

इसके अलावा साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की थी. लगभग 150 दिनों तक चलने के बाद यात्रा का समापन 11 मई 2017 को हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की थी. इस यात्रा में नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगाए, तो वहीं नर्मदा किनारे सफाई पर भी जोर दिया गया, ताकि मध्य प्रदेश की जीवनरेखा कहे जाने वाली नर्मदा का संरक्षण किया जा सके. 

नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर पीएम मोदी, नर्मदा सेवा यात्रा शुरू करते शिवराज सिंह चौहान

यही नहीं, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा भी समय-समय पर नर्मदा पूजन करते हैं. भारत जोड़ो यात्रा के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने खरगोन में नर्मदा जी की आरती की थी तो वहीं 2023 के चुनावी शंखनाद के लिए जबलपुर आईं प्रियंका वाड्रा ने पिछले महीने नर्मदा आरती की थी.  

Advertisement
जबलपुर में नर्मदा आरती करते कमलनाथ और प्रियंका वाड्रा, खरगौन में नर्मदा आरती करते राहुल गांधी

मध्य प्रदेश में नर्मदा भक्ति के सियासी मायने

- MP में नर्मदा नदी 16 जिलों से होकर गुजरती है.

- 230 विधानसभा सीटों में से करीब 100 से ज्यादा सीटें इन जिलों में आती हैं. 

- नर्मदा नदी किनारे करीब 600 छोटे-बड़े गांव स्थापित हैं.

- नर्मदा नदी से लगी हुई कुल 65 विधानसभा सीटें हैं. 

- 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 36 सीटें जीती थीं. 

- नर्मदा नदी अनूपपुर जिले से शुरू होकर डिण्‍डौरी, मण्‍डला, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, सीहोर, देवास, हरदा, खण्‍डवा, खरगोन, बडवानी, धार और अलीराजपुर जिले से होते हुए गुजरात में प्रवेश कर जाती है.  

बहरहाल, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हनुमान भक्ति के बाद अब नर्मदा भक्ति का सियासी तड़का लगने लगा है. यही वजह है कि अब कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दल नर्मदा के सहारे हैं. अब देखना होगा किस राजनितिक दल की नैया मां नर्मदा मैया पार करवाती हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement